पटना: स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि सूबे के मेडिकल कॉलेजों में न्यूरोलॅाजी में एमडी व एमसीएच की पढ़ाई एक वर्ष के भीतर शुरू होगी. इंडियन एपलेपसी एसोसिएशन की बिहार शाखा व आइजीएमएस द्वारा रविवार को मिरगी रोग पर ‘न्यूरोलॉजी अपडेट’ संगोष्ठी को संबोधित करते हुए चौबे ने कहा, न्यूरोलॉजी में एमडी, एमसीएच की पढ़ाई के लिए न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जायेगी.
उन्होंने कहा, मेडिकल कॉलजों में न्यूरोलॉजी विभाग में एसी वार्डो की स्थापना की जा रही है. सीटी स्कैन व एमआरआइ मशीन उपलब्ध कराने के लिए निविदा प्रक्रियाधीन है. इसके लिए कई कॉलेजों को राशि भी उपलब्ध करा दी गयी है.
उन्होंने मिरगी को लेकर आमलोगों के बीच जागरूकता पैदा किये जाने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि आम तौर पर लोग मिरगी को लाइलाज बीमारी मान कर झाड़-फूंक आदि का सहारा लेते हैं, जिससे रोग ठीक नहीं हो पाता है. चौबे ने मिरगी के निदान के लिए एलोपैथ के साथ देशी चिकित्सा और योग की मदद लिए जाने की भी आवश्यकता जतायी.
शुरू हो प्रशिक्षण
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए आइजीआइएमएस के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष व डीन डॉ महेंद्र सिंह ने न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों की भारी कमी को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों में इसकी पढ़ाई एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की आवश्यकता जतायी. संगोष्ठी के दौरान नयी दिल्ली स्थित एम्स के न्यूरोलॅाजी विभाग की अध्यक्ष डॉ माधुरी बिहारी, वेल्लोर स्थित सीएमसी के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ मैथ्यू एलेक्जेंडर, चंडीगढ़ स्थित पीजीआइ के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ सुदेश प्रभाकर, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के न्यूरो सजर्री विभाग के अध्यक्ष डॉ एके अग्रवाल व इंडियन एपलेपसी एसोसिएशन की बिहार शाखा के सचिव और आइजीआइएमएस के न्यूरोलॅाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये.