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राज्यपाल ने दिल्ली के दबाव में लिया फैसला : नीतीश

पटना. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बयान पर जदयू विधानमंडल दल के नेता नीतीश कुमार ने कहा कि मैं जल्दबाजी में नहीं हूं. लेकिन, राज्यपाल ने जो फैसला लिया है, वह दिल्ली के दबाव में लिया गया है. उन्होंने कहा कि मुङो 130 विधायकों का विश्वास मिला हुआ है. राज्यपाल से मुलाकात के दौरान मैंने कोई […]

पटना. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बयान पर जदयू विधानमंडल दल के नेता नीतीश कुमार ने कहा कि मैं जल्दबाजी में नहीं हूं. लेकिन, राज्यपाल ने जो फैसला लिया है, वह दिल्ली के दबाव में लिया गया है. उन्होंने कहा कि मुङो 130 विधायकों का विश्वास मिला हुआ है.

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान मैंने कोई दबाव नहीं बनाया था. मैंने बस यही कहा था कि बहुमत मेरे पास है और ताजा सियासी हालात से उन्हें अवगत कराया गया. राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि अगर वह चाहे तो 48 घंटे में बिहार विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुला सकते हैं और सरकार को बहुमत साबित करने का मौका दे सकते हैं. इस पर वह सहमत भी हुए थे, लेकिन अब ऐसी बातें क्यों आ रही है, यह पता नहीं.

7, सकरुलर रोड स्थित अपने आवास पर पूर्व सीएम ने कहा कि राज्यपाल से मेरी कोई शिकायत नहीं है, लेकिन राज्यपाल ने जो फैसला ( 20 फरवरी को बहुमत साबित करना) लिया है, वह दबाव में लिया गया फैसला है. उन्हें दिल्ली से दबाव पड़ा, जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया. इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान बिहार का हो रहा है. इस फैसले के बाद जीतन राम मांझी बिहार को विनाश की ओर ले जा रहे हैं. राज्यपाल ही बताएं कि इस विनाश के लिए कौन जिम्मेदार होगा? क्या इसी विनाश के लिए उन्होंने मांझी को 20 फरवरी तक का समय दिया है? ऐसा फैसला देकर क्या राज्यपाल विधायकों को कोई मैसेज देना चाह रहे हैं? हमलोगों ने राजभवन में आठ फरवरी को ही जदयू समेत उसके समर्थित दलों का समर्थन पत्र दे दिया था. वहीं, नौ फरवरी को राज्यपाल से मिल कर स्थिति की जानकारी दी थी और 130 विधायकों की परेड भी करायी गयी थी. अब राज्यपाल ही देखें की क्या परिस्थिति है. जितना समय उन्होंने बहुमत साबित करने के लिए दिया है क्या उतना ही समय मिलना चाहिए था? उन्हें जनता को बताना चाहिए कि 12 विधायकों की सरकार कैसे चल रही है?
दिन भर मंथन करते रहे नीतीश
नीतीश कुमार शुक्रवार को दिन भर अपने आवास पर ही पार्टी नेताओं के साथ मंथन करते रहे. सीएम मांझी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जदयू कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और जदयू विधायक दल के नेता विजय कुमार चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन कर मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद नीतीश कुमार ने जदयू प्रदेश अध्यक्ष से फोन पर पल-पल की जानकारी ली. इसके बाद वशिष्ठ नारायण सिंह व विजय कुमार चौधरी समेत अन्य पार्टी नेता नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचे. वहां ताजा हालात पर चर्चा हुई. इसके बाद विजय कुमार चौधरी ने जदयू को विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की मान्यता देने के लिए एक पत्र स्पीकर को सौंपा. इस बीच खबर आयी कि राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कोई राजनीतिक टिप्पणी की है. इस खबर से नीतीश कुमार अवगत हुए, इसके बाद उन्होंने राज्यपाल की बातों का जवाब दिया. नीतीश कुमार ने मांझी द्वारा की जा रही घोषणाओं और कामों पर नजर बनाये रखा. देर शाम नेताओं को फिर बैठक हुई, जिसमें 20 फरवरी को होनेवाली सदन की बैठक और सरकार के खिलाफ मतदान को लेकर चर्चा हुई. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह भी नीतीश के आवास पर पहुंचे व मंत्रणा की.

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