21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो-दो करोड़ का दिया जा रहा ऑफर: मोदी

पटना: हॉर्स ट्रेडिंग में मास्टरी हासिल किये जदयू के लोग भाजपा विधायकों को तोड़ने के लिए दो-दो करोड़ रुपये और दो-दो मंत्री पद देने का ऑफर दे रहे हैं. खुलासा शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने किया. उन्होंने कहा कि लालू-नीतीश हॉर्स ट्रेडिंग के ज्ञाता हैं. सम्राट चौधरी,जावेद इकबाल अंसारी और राम लषन राम […]

पटना: हॉर्स ट्रेडिंग में मास्टरी हासिल किये जदयू के लोग भाजपा विधायकों को तोड़ने के लिए दो-दो करोड़ रुपये और दो-दो मंत्री पद देने का ऑफर दे रहे हैं. खुलासा शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने किया. उन्होंने कहा कि लालू-नीतीश हॉर्स ट्रेडिंग के ज्ञाता हैं. सम्राट चौधरी,जावेद इकबाल अंसारी और राम लषन राम को राजद से तोड़ किसने मंत्री बनाया.

क्या किसी को नहीं मालूम है? राज्यपाल द्वारा 20 फरवरी को बहुमत साबित करने के लिए समय दिये जाने पर नीतीश कुमार द्वारा सवाल उठाये जाने पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सही निर्णय लिया है. नीतीश कुमार को याद करना चाहिए तीन मार्च,2000 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब उन्हें 10 मार्च को सदन में बहुमत साबित करने का समय दिया गया था.तब उन्होंने कोई आपत्ति नहीं की थी. आज महादलित मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए यदि राज्यपाल सात दिनों का वक्त दे रहे हैं, तो उन्होंने आसमान सिर पर उठा लिया है? वह बिना अनुमति के राष्ट्रपति के समक्ष विधायकों की परेड तक कराने में नहीं चूक रहे हैं. आखिर जदयू क्यों परेशान है? आज वह राज्यपाल और राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दे रहे हैं.

मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा को छोड़ किसी के साथ लंबे समय तक किसी के साथ नहीं रहें. ऐसा कोई सगा नहीं,जिसे नीतीश ने ठगा नहीं. महादलित को उन्होंने जदयू विधायक दल की सहमति के बिना यह समझ कर सीएम बनाया था कि वह उनकी जेब में रहेंगे, लेकिन जब मांझी जी दलित-महादलितों के आइकॉन बनने लगे,तब उन्होंने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. नीतीश कुमार ने छह माह इंतजार करने के बजाय अपने ही मुख्यमंत्री को हटाने का प्रयास शुरू कर दिया. सीएम पद छोड़ते वक्त नीतीश कुमार ने घोषणा की थी जनादेश मिलेगा,तभी वह सीएम बनेंगे.

उन्होंने पूछा कि क्या जनता ने उन्हें जनादेश दिया है? 12 जनवरी,2015 को नीतीश कुमार,शरद यादव और केसी त्यागी ने कहा कि जीतन राम मांझी को बदलने का कोई विचार नहीं है यानी पल-पल नीतीश कुमार और जदयू नेताओं का बयान बदलता रहा. उन्होंने कहा कि आज भी भाजपा मानती है कि बिहार में ‘जंगल राज 2’ चल रहा है. लालू प्रसाद के सहयोग से जो सरकार चलेगी. वह जंगल राज के तर्ज पर चलेगी. नीतीश कुमार बैड गवर्नेस के कारण जीतन राम मांझी को नहीं हटा रहे. बैड गवर्नेस तो उसी दिन से शुरू हो गया था,जिस दिन उन्होंने भाजपा से गंठबंधन तोड़ा था. नीतीश कुमार को जनता ने दो तिहाई बहुत दिया था, किंतु आज हाल यह है कि वह अपनी सरकार बचाने के लिए राजद-कांग्रेस के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. मौके पर भाजपा प्रवक्ता विनोद नारायण झा, संजय टाइगर, विजय कुमार सिन्हा और योगेंद्र प्रासवान भी मौजूद थे.

20 के पहले समर्थन पर फैसला
जीतन राम मांझी को समर्थन देने या नहीं देने के सवाल पर भाजपा अभी तक कोई स्पष्ट खुलासा नहीं कर रही थी, लेकिन शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जानकारी चाहने वालों को थोड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा है कि खुलासा पार्टी 20 फरवरी के पहले करेगी. समर्थन को ले कर पार्टी की लगातार बैठक चल रही है. उन्होंने भी बहुमत साबित करने के लिए गुप्त मतदान से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि बहुमत परीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी निष्पक्ष मतदान करा पायेंगे. इसमें संदेह है. जदयू के कई नेता-विधायक विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की मांग कर रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की मांग को ले कर भाजपा भी अपनी बैठक में जल्द ही विचार करेगी.
लठतंत्र कायम करने की कोशिश
भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने कहा है कि राजद और कांग्रेस के साथ जदयू संख्या बल के आधार पर ‘लोकतंत्र ’ के बदले ‘लठतंत्र’ कायम करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और बढ़ते जनाधार से डरे दल नीति -सिद्धांत को ताक पर रख कर बेमेल गंठबंधन कर रहे हैं. गंठबंधन करने वाले दल उलटे दावा कर रहे हैं कि भाजपा डरी हुई है. उन्हें शायद नहीं मालूम की जिनके साथ जनता है,उसे डरने की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा है कि जो लोग बिहार में चार-पांच पार्टियों के साथ होने की धौंस दिखा रहे हैं. उन्हें बताना चाहिए कि इन्होंने ही बिहार का बेड़ा गर्क किया है.
नीतीश की नस-नस जान गयी है जनता : बिहार की जनता पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नस-नस जान चुकी है. जनता नीतीश कुमार की मृग मरीचिका के पीछे नहीं दौड़ेगी. उक्त बातें शुक्रवार को भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा है कि बिहार के हाल के घटनाक्रम से साफ हो गया है कि नीतीश कुमार की सोच बिखर गयी है. आदर्शवाद का दिखावा करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का पद त्याग किया.
महादलित वर्ग से आने वाले जीतन राम मांझी को सीएम बनाने का नाटक किया. जीतन राम मांझी की बढ़ती लोकप्रियता और राजनीतिक कद को देख वह बौखला गये हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपने घोर विरोधी लालू प्रसाद यादव का सहारा लेना भी अनुचित नहीं समझा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें