पटना: राष्ट्रपति भवन में जदयू व समर्थित दलों के विधायकों की परेड के बाद जदयू विधानमंडल दल के नये नेता नीतीश कुमार दिल्ली से पटना लौट आये. एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा के रवैये से साफ हो गया है कि बिहार में जबरन सरकार चलाने की कोशिश हो रही है. नयी सरकार के लिए हो रही देरी के लिए पूरी तरह केंद्र सरकार और भाजपा जिम्मेवार है.
बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश हो रही है. राज्यपाल बजट सत्र के पहले दिन किसका अभिभाषण पढ़ेंगे? क्या 12 विधायकों के समर्थन से चल रही सरकार का अभिभाषण पढ़ेंगे? यह कौन सी परंपरा की शुरुआत हो रही है. यह सरकार किस तरह की और किससे समर्थन लेना चाहती है, यह पता नहीं है. हम लोगों ने पटना के बाद दिल्ली में भी अपना बहुमत दिखा दिया.
नीतीश ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश हो रही है. राष्ट्रपति को बिहार की राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया गया. जदयू समेत राजद, कांग्रेस, सीपीआइ व निर्दलीय विधायकों ने राष्ट्रपति भवन में सशरीर उपस्थित होकर परेड की. राष्ट्रपति को बताया गया कि हम लोगों ने पहले ही राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र दे दिया है. उनसे 20 फरवरी से पहले कभी भी एक दिन का विशेष सत्र बुला कर जो सरकार है, उसे विश्वासमत हासिल करने का आदेश देने का अनुरोध भी किया था, ताकि 20 फरवरी से होनेवाला बजट सत्र अपने निर्धारित समय से नयी सरकार के साथ चल सके. इसमें विलंब नहीं किया जाना चाहिए था और उन्हें मौका देना चाहिए था, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गयी. नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार समय दिया गया है, उससे खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने की कोशिश की गयी है.
भाजपा ने भी अब तक यह नहीं कहा कि वह जीतन राम मांझी को समर्थन देगी. विधानसभा में भाजपा को छोड़ जदयू, राजद, कांग्रेस, सीपीआइ व निर्दलीय विधायक जीतन राम मांझी के विरोध में हैं और बहुमत में हैं. उन्होंने कहा कि जब राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से नौ फरवरी को मुलाकात हुई थी,तो वह इस बात से सहमत थे कि वे बजट सत्र में अभिभाषण किसका पढ़ेंगे. हमें उम्मीद थी कि निर्धारित बजट सत्र से पहले अवसर मिलेगा. विशेष परिस्थिति में विशेष अवसर दिया जायेगा,लेकिन नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और उसके बाद जिस भाषा में बयान दिया था.
उससे साफ लग गया था कि हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिलेगा. पूरा खेल केंद्र की सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग के इशारे पर हो रहा है. मांझी दिल्ली से हॉर्स ट्रेडिंग का लाइसेंस लेकर आये थे. अब कहा जा रहा है कि राय लेकर निर्णय लिया गया,लेकिन यह सब कुछ बहाना है. केंद्र व भाजपा की शह पर सब कुछ हो रहा है.
चुनाव में भुगतना होगा भाजपा को खामियाजा
नीतीश ने कहा कि दिल्ली में जिस प्रकार विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार की मुंह देखनी पड़ी, उसी तरह बिहार में भी देखना पड़ेगा. जनता घटनाक्रम को देख रही है. विधानसभा चुनाव में भाजपा का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. भाजपा को यह सब बरदाश्त नहीं है. जब भी वह मेरा चेहरा देखती है, तो वे व्यक्तिनिष्ट हो जाते हैं. चाहे वे कुछ भी कर लें. उन्हें जनता चुनाव में जवाब देगी. बात साफ हो गयी है. उनकी मंशा है कि जबरन सरकार चलायी जाये या फिर राष्ट्रपति शासन लगाया है. इस पर हम लोग चुप नहीं बैठेंगे. हम लोगों ने राजभवन के साथ राष्ट्रपति भवन में बहुमत साबित किया है. अब जदयू,राजद,कांग्रेस, सीपीआइ व निर्दलीय विधायक एक साथ बैठेंगे और नीति पर बात करेंगे.