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सात दिनों के बदले दो दिनों की ही दे रहे दवाएं

साइड इफेक्ट :दवा की कमी का अस्पतालों में दिखने लगा असर पटना : खरीद नहीं होने से अस्पतालों में दवाओं की किल्लत हो गयी है. दवाएं जल्द नहीं खरीदी गयीं, तो हालात बिगड़ सकते हैं. कमी को देखते हुए अभी अस्पतालों में मरीजों को एक सप्ताह के बदले मात्र दो दिनों की दवाएं ही दी […]

साइड इफेक्ट :दवा की कमी का अस्पतालों में दिखने लगा असर
पटना : खरीद नहीं होने से अस्पतालों में दवाओं की किल्लत हो गयी है. दवाएं जल्द नहीं खरीदी गयीं, तो हालात बिगड़ सकते हैं. कमी को देखते हुए अभी अस्पतालों में मरीजों को एक सप्ताह के बदले मात्र दो दिनों की दवाएं ही दी जा रही हैं. स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने दवा खरीद प्रक्रिया में शामिल सभी सदस्यों को बैक डेट में हस्ताक्षर करने को कहा है, लेकिन वे ऐसा करने से कतरा रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, बीएमएसआइसीएल, सिविल सजर्न व मेडिकल कॉलेजों के भंडार में कई दवाइयां हैं, महज एक सप्ताह की ही बची हैं. जानकारों के मुताबिक, अगर प्रक्रिया अभी शुरू की गयी, तब भी दवा खरीदने में एक माह से अधिक लगेगा.
पीएमसीएच के ओपीडी में 65 की जगह 20 दवाएं
पीएमसीएच के ओपीडी में मरीजों को 65 की जगह 20 व इंडोर में 125 में से मात्र 100 दवाइयां ही मिल रही हैं. इनमें से अधिकतर दवाइयां ऐसी हैं, जो पांच दिनों के भीतर खत्म हो जायेंगी. पीएमसीएच को बीएमएसआइसीएल 70 से अधिक दवाइयां नहीं दे रहा है, जिसके कारण इन्हें लोकल स्तर पर अधीक्षक के माध्यम से खरीदा जा रहा है. लेकिन, यह मरीजों की संख्या के आगे कम पड़ रही है.
सभी जगह कमी
पटना जिले के अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में 33 व इंडोर में 112 दवाइयां दी जानी हैं. लेकिन, अभी किसी भी अस्पताल में इतनी दवाएं नहीं मिल रही हैं. गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के ओपीडी में 14 व इंडोर में 18, बेलछी ओपीडी में 20 व इंडोर में 52, एसडीएच दानापुर के ओपीडी में 21 व इंडोर में 72, पंडारक ओपीडी में 22 व इंडोर में 70, राजेंद्र नगर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के ओपीडी में 29 व इंडोर में 39 और न्यू गार्डिनर रोड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के ओपीडी में 29 व इंडोर में 47 दवाइयां ही मिल रही हैं. बड़ी बात यह है कि सिविल सजर्न कार्यालय के भंडार में पारासिटामोल तक खत्म होनेवाला है.
दवा खरीद की प्रक्रिया चल रही है. परचेज कमेटी में किस तरह से सदस्य नहीं पहुंच रहे हैं, इसकी जानकारी प्रधान सचिव को है और वह अपने स्तर पर काम कर रहे हैं. फिलहाल भंडार में दवाइयां उपलब्ध हैं. वही दवाइयां नहीं हैं, जो निगम नहीं दे रहा है. दवा की कमी नहीं होगी. सदस्यों को मोटिवेट किया जा रहा है.
डॉ लखींद्र प्रसाद, पीएमसीएच अधीक्षक
मार्च तक का भंडार है. जिन अस्पतालों में कमी है, वहां दवाइयां भेजी जा रही हैं. अभी हालात काबू में है. लेकिन, दवाओं की खरीद जल्द हो, इसको लेकर सभी को तेज गति से काम करना होगा.
डॉ केके मिश्र, सिविल सजर्न

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