इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को पटना से जोड़ने की अनेक योजनाएं दी हैं. समीक्षा के बाद रेलवे ने एक नयी ट्रेन चलाने व कुछ ट्रेनों का फेरा बढ़ाने का निर्णय लिया है. पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों की माने, तो इंदौर के लिए सही मायने में ट्रेन नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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रेल बजट: कई ट्रेनों का बढ़ेगा फेरा, इसीआर ने भेजा प्रस्ताव, इंदौर के लिए मिलेगी ट्रेन
पटना: दानापुर मंडल को नये रेल बजट में एक नयी ट्रेन मिल सकती है. इसके अलावा कुछ ट्रेनों के फेरे भी बढ़ेंगे. रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेल और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन की पहल पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन पटना को इंदौर से […]
पटना: दानापुर मंडल को नये रेल बजट में एक नयी ट्रेन मिल सकती है. इसके अलावा कुछ ट्रेनों के फेरे भी बढ़ेंगे. रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेल और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन की पहल पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन पटना को इंदौर से जोड़ने की योजनाओं पर रेलवे मंत्रालय व रेलवे बोर्ड से बात कर रही हैं.
हरिद्वार के लिए साप्ताहिक ट्रेन : सूत्रों की मानें, तो हरिद्वार के लिए भी मुगलसराय-लखनऊ स्टेशन के रास्ते एक साप्ताहिक ट्रेन चलाने की घोषणा करने की योजना है. रेल बजट में इन ट्रेनों को चलाने के लिए हरी झंडी मिलने की संभावना है. वर्तमान में पटना एनाकरुलम और पटना इंदौर ट्रेन सप्ताह में दो दिन ही चलती है. रेलवे की ओर से इस ट्रेन का फेरा बढ़ाने की बात चल रही है. अधिकारी के अनुसार पटना-इंदौर ट्रेन को दो दिन के बदले सप्ताह में चार दिन और एनाकरुलम को तीन दिन करने की पहल कर रही है. फेरा और ट्रेन का दिन बढ़ने से उन स्टूडेंट्स व कामकाजी लोगों को लाभ होगा, जो यात्री इंदौर या फिर पटना में रहते हैं.
सीधी ट्रेन नहीं होने से होती है परेशानी : पटना से इंदौर के लिए डायरेक्ट ट्रेन नहीं होने के चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि पूर्व मध्य रेल की ओर से सप्ताह में दो दिन राजेंद्र नगर-इंदौर ट्रेन का परिचालन होता है. एक ट्रेन सोमवार को राजेंद्र नगर से इंदौर (19322) और यही ट्रेन शुक्रवार को (19314) नंबर बन कर जाती है. ट्रेन साप्ताहिक होने के चलते इसमें लंबी वेटिंग लगी रहती है. स्लीपर से लेकर एसी कोच डेढ़ माह पहले ही बुक हो जाता है. ऐसे में भोपाल और इंदौर जानेवाले यात्री वाराणसी से कामायनी एक्सप्रेस में टिकट लेने को मजबूर हो जाते हैं, जबकि स्टूडेंट्स की संख्या इंदौर और भोपाल के लिए अधिक होती है.
अधिकारी के लिए 20 मिनट खड़ी रही ट्रेन
एक अधिकारी के लिए 20 मिनट तक कोसी एक्सप्रेस को रोका रखा गया. दरअसल पटना से सुपौल जानेवाली कोसी एक्सप्रेस 16.50 बजे प्लेटफॉर्म पर आकर खड़ी हो गयी. ट्रेन को 16.55 बजे सुपौल के लिए रवाना होना था. इसी ट्रेन में सहरसा के लिए एक अधिकारी को भी जाना था. अधिकारी करीब 20 मिनट बाद पटना जंकशन पहुंचे. अधिकारी के डर से रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर ही खड़ा रख दिया. ग्रीन सिगनल होने से यात्री बार-बार ट्रेन चलाने की मांग कर रहे थे. जब ट्रेन नहीं खुली, तो यात्री इसका कारण पता करने के लिए ड्राइवर के पास पहुंच गये. यात्रियों की भीड़ को देख कर ड्राइवर ने ट्रेन में कुछ खराबी आने की बात कही, फिर यात्री शांत हुए और अपनी सीट पर आकर बैठ गये. रेल सूत्रों का कहना है कि जैसे ही उक्त अधिकारी आकर बैठा, ट्रेन खुल गयी.
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