।। मिथिलेश ।।
पटना : नाम, महेश कुमार, पद ब्रांच मैनेजर. वेतन 35 हजार रुपये प्रतिमाह. राज्य में ऐसे सैकड़ों युवाओं को प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनी ने नौकरी दी थी. आम निवेशकों से उगाही गयी राशि का कंपनी ने खूब उपयोग किया. कंपनी की नजर बदलते बिहार में अधिक-से-अधिक धन उगाही पर टिकी थी.
एजेंटों को छोटे निवेशकों के बजाय काला धन रखनेवाले बड़े निवेशकों की तलाश थी. अब कंपनी निवेशकों को यह कह कर दिलासा दे रही है कि उसके पास 10 गुनी अधिक धनराशि है. किसी को भी डूबने नहीं दिया जायेगा.
इधर, आर्थिक अपराध इकाई के आइजी प्रवीण वशिष्ठ ने प्रभात खबर को बताया कि सभी जिलों के एसपी को प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनी समेत अन्य कंपनियों के बारे में सूचना उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि बिना किसी आधार के पैसे उगाह रही किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जायेगा. पटना के आसपास प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनी के कम-से-कम एक हजार एजेंट नियुक्त थे. खबर है कि पुलिस की दबिश के बाद भी एजेंटों का काम बंद नहीं हुआ है.
अब दफ्तर से बाहर निवेशकों को बरगलाया जा रहा है. निवेशकों को अब तक जमा कराये गये पैसे की वापसी के लिए अगली किस्त जमा कराने की सलाह दी जा रही है. वह भी चोरी चुपके.
कंपनी के मुख्य ऑपरेटर डीडी बक्शी ने हाल ही में पटना की यात्रा की थी और अपने एजेंटों को और भी सक्रिय होने को कहा था. लेकिन, कुछ निवेशकों की शिकायतों पर जब प्रभात खबर ने इस कंपनी की कुंडली खंगालनी शुरू की, तो कई तथ्य उजागर होते गये. सारधा ग्रुप के तर्ज पर बिहार से करोड़ों की रकम उगाह चुकी प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनी के सारे एजेंट अब अंदरग्राउंड हो गये हैं. कंपनी ने बंगाल से निकल कर पटना के आसपास के इलाकों में भी पैर पसार लिया था. कंपनी की अधिकारी ने बंगाल के सीमावर्ती प्रयाग ग्रुप के खिलाफ निवेशक पटना हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है.
सहरसा के मूल निवासी मिथिलेश कुमार ने तीन साल पहले प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनी में तीन लाख रुपये का निवेश किया था. जब पैसे की जरूरत हुई, तो दफ्तर में ताला लटका नजर आया. कंपनी के एजेंटों ने अधिक ब्याज का लोभ देकर जिले से लाखों ग्राहकों से करोड़ों की रकम उगाह ली. अब कंपनी के एजेंट मुंह छिपाते चल रहे और निवेशकों के सब्र का बांध टूट गया है.
कंपनी के खिलाफ मोकामा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि इसका निबंधन रिजर्व बैंक से नहीं है. इसके बाद भी कंपनी विभिन्न योजनाओं के नाम पर पैसे की उगाही हो रही है. थाने में कंपनी के सीएमडी बीडी बक्शी, एमडी लक्ष्मीकांत मिश्र और हरिकांत पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज है. इनमें लक्ष्मीकांत मिश्र भागलपुर और हरिकांत पांडेय पटना के निवासी हैं.
* विशिष्ट आइडी कोड देने का आरबीआइ का निर्देश
मुंबई : रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपने ग्राहकों को विशिष्ट पहचान कोड जारी करने का निर्देश दिया है. इससे पहचान के मानदंडों की भिन्नता से बचा जा सकेगा.
रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि वित्तीय लेन-देन की जटिलता व मात्र को देखते हुए जरूरी है. किसी वित्तीय संस्थान या समूची वित्तीय प्रणाली में पहचान के तरीकों में भिन्नता न हो. केंद्रीय बैंक ने एनबीएफसी से कहा है कि वे अपने सभी नये ग्राहकों को विशिष्ट उपभोक्ता पहचान कोड (यूसीआइसी) जारी करें.
मौजूदा ग्राहकों को भी जून, 2013 के अंत तक यूसीआइसी आवंटित किया जाये.सरकार के एक कार्यसमूह ने विभिन्न वित्तीय संस्थानों में ग्राहकों की पहचान के लिए विशिष्ट विशिष्ट मानदंड का प्रस्ताव किया था.
* रोज वैली व न्यूलैंड के कार्यालय सील
समस्तीपुर/भागलपुर/मुजफ्फरपुर : समस्तीपुर व सुल्तानगंज में नॉन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ शनिवार को छापेमारी की गयी, वहीं मुजफ्फरपुर में विश्वामित्र इंडिया का कार्यालय बंद कर कर्मियों के फरार होने की चर्चा है.
समस्तीपुर में सदर एसडीओ सुधीर कुमार ने दोपहर में रोज वैली और न्यूलैंड के कार्यालयों में छापेमारी की. न्यूलैंड के कार्यालय से सीपीयू, हार्ड डिस्क, प्रिंटर, कैशबुक और करीब पांच हजार रुपये बरामद किये गये. उसके कार्यालय को सील कर दिया है. कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. छापेमारी के दौरान रोज वैली का कार्यालय बंद मिला. वहां एक सूचना चिपकाया गया था, जिसमें लिखा था कि जांच-पड़ताल के लिए सभी कर्मचारी पटना गये हैं. दो-तीन दिन तक कार्यालय बंद रहेगा. एसडीओ ने तत्काल कार्यालय को सील कर दिया.
भागलपुर के सुल्तानगंज में सनप्लांट एग्रो प्रोडक्ट लिमि के दफ्तर में छापेमारी की गयी. शुक्रवार को गिरफ्तार कंपनी के मैनेजर सत्यप्रकाश एवं क्लर्क आशुतोष को पुलिस ने शनिवार को न्यायालय भेज दिया. इंस्पेक्टर आरपी वर्मा ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के सनप्लांट का कार्यालय चल रहा था.
पूछताछ के बाद मैनेजर ने बताया कि कंपनी का मुख्यालय कटिहार में है. इसके डायरेक्टर महेश चंद्र प्रकाश हैं. भागलपुर भी दफ्तर चलता है. सुल्तानगंज में मैजेनर, क्लर्क के अलावा एकाउंटेंट रवींद्र कुमार, चपरासी राजेश कुमार रोशन पर भी मामला दर्ज कराया गया है. इधर, मुजफ्फरपुर में विश्वामित्र इंडिया परिवार का कार्यालय बंद है.
गेट पर ताला लटका है. बताया जाता है कि 30 अप्रैल के बाद बैंक का फाटक नहीं खुला है.
* सुल्तानगंज में सनप्लांट एग्रो प्रोडक्ट लि के दफ्तर में छापेमारी
* मुजफ्फरपुर में विश्वामित्र के कार्यालय में लटका ताला