जिले के आठ हजार विद्यार्थियों को पीछे छोड़ाकोचिंग के निदेशक ने पढ़ाई का खर्च उठाने का लिया जिम्मा अमूल की सफलता पर हुआ सम्मान समारोह तसवीर-अमूल को सम्मानित करते प्रो राजेंद्र सिंह.तसवीर-5 (आवश्यक)बेगूसराय (नगर). प्रतिभा किसी की मुहताज नहीं होती. वह केवल समय देखती है और सहयोग से आगे बढ़ जाती है. इसे चरितार्थ किया है शहर के बड़ी ऐघू निवासी फुटपाथी दुकानदार अरुण शर्मा का बेटा अमूल ने. उसने पिछले दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा आयोजित प्रतिभा खोज परीक्षा में शामिल प्रतिभागियों को बता दिया कि पढ़ाई के प्रति अगर सच्ची लगन हो तो किसी भी मंजिल को पाना कठिन नहीं है. बताते चलें कि इस प्रतियोगिता में जिले के आठ हजार छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था. सामान्य दिखने वाला और सामान्य परिवार के अमूल ने सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया. अमूल शहर के ‘विद्यायतन’ नामक कोचिंग में पढ़ाई करता है. अमूल वैज्ञानिक बन कर देश की सेवा करना चाहता है. उसकी प्रतिभा देख निदेशक प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पढ़ाई का खर्च देने की बात कही है. उन्होंने बताया कि अमूल अभी ही संस्थान के छात्रों को पढ़ा लेता है. अभी आइआइटी की तैयारी कर रहा है. उसकी सफलता पर कोचिंग में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. मौके पर खम्हार कॉलेज के प्रो सुनील कुमार सिंह, डॉ चंद्रशेखर चौरसिया, प्रो शकंुतला कुमारी, विद्यायतन के व्यवस्थापक बबलू कुमार सिंह समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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जिले में टॉप बना फुटपाथी दुकानदार का बेटा
जिले के आठ हजार विद्यार्थियों को पीछे छोड़ाकोचिंग के निदेशक ने पढ़ाई का खर्च उठाने का लिया जिम्मा अमूल की सफलता पर हुआ सम्मान समारोह तसवीर-अमूल को सम्मानित करते प्रो राजेंद्र सिंह.तसवीर-5 (आवश्यक)बेगूसराय (नगर). प्रतिभा किसी की मुहताज नहीं होती. वह केवल समय देखती है और सहयोग से आगे बढ़ जाती है. इसे चरितार्थ किया […]
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