* उच्चस्तरीय बैठक में सीएम ने दिया खेती के लिए आठ घंटे बिजली देने का निर्देश
पटना : आषाढ़ यों ही बीत गया. सावन में भी वह हरियाली नजर नहीं आ रही. किसान की आंखें आसमान ताक रही हैं. रह–रह कर काले बादल उमर–घुमड़ रहे हैं, लेकिन अच्छी बारिश नहीं हो रही है. ऐसा लग रहा है, मानों सावन से भी रूठ कर बारिश की झमाझम बूंदें दूर चली गयी हों.
सूबे में जिस तरह से पिछले दो माह में औसत से कम बारिश हुई है, उससे चारों ओर यही दृश्य पैदा हो रहे हैं. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार दो दिन बूंदा–बांदी के बाद अगले दस दिनों तक बारिश होने की संभावना नहीं है. इस तरह अब सूखे के आसार नजर आ रहे हैं. मई व जून महीने में हल्की बारिश हुई, पर जुलाई में वह भी नहीं. अब तक सूबे में 352 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 25 फीसदी कम है.
सामान्यत: अब तक 408 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी. अब तक जितनी बारिश हुई है, उसमें दक्षिण बिहार में सबसे कम बारिश हुई है. पटना में भी अब तक मात्र 184 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर 364 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी. पिछले साल 28 जुलाई तक सूबे में करीब 370 मिलीमीटर बारिश हुई थी.
* कमजोर हो गयी टर्फ लाइन
मौसम विज्ञान केंद्र की मानें, तो राजस्थान से बे ऑफ बंगाल की ओर चलनेवाली मॉनसून की टर्फ लाइन बिहार के ऊपर काफी कमजोर हो गया. इससे बिहार में औसत से कम बारिश हुई. इसके कमजोर होने का मुख्य कारण बिहार के ऊपर एयर सिस्टम का कमजोर होना था. अब तक पटना के ऊपर मात्र छह बार लो प्रेशर एरिया बना है, इसके बावजूद झमाझम बारिश नहीं हुई है. निदेशक डॉ एके सेन ने बताया कि एक जून के बाद 27 व 28 जून को बारिश हुई. इसके बाद अब तक नॉर्मल बारिश भी पटना में नहीं हुई है. 10 जुलाई को अच्छी बारिश हुई, उसके बाद शनिवार को आठ मिलीमीटर बारिश हुई.
* मॉनसून नहीं हो पाया मजबूत
निदेशक ने बताया कि अब मॉनसून मजबूत नहीं हो पायेगा. झारखंड के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण हल्की बारिश हुई. आने वाले दो दिनों तक हल्की बारिश के आसार हैं, लेकिन मॉनसून मजबूत नहीं होगा. दो दिनों तक हल्की बारिश होने के बाद यह कमजोर हो जायेगा. इसके बाद अगले 10 दिनों तक बारिश के आसार नहीं हैं.
* वैकल्पिक फसल योजना तैयार
कृषि उत्पादन आयुक्त एके चौहान ने बताया कि वैकल्पिक फसल योजना तैयार कर ली गयी है. किसानों को मक्का, कुल्थी, उड़द, तोरिया, अरहर, मड़ुआ व कुरथी का बीज मुफ्त में दिया जायेगा. शिविर लगा कर किसानों को बीज उपलब्ध कराया जायेगा.
* 10% से कम रोपनी : नालंदा, नवादा, जमुई, गया, शेखपुरा, लखीसराय, जहानाबाद, बांका, औरंगाबाद व भोजपुर.
* क्या कहता है मौसम विभाग
दो दिनों तक हल्की बारिश होगी. इसके बाद अगले 10 दिनों तक बारिश के आसार नहीं हैं.
* नहरों में अंतिम छोर तक पहुंचेगा पानी
* लगातार चलेंगे राजकीय नलकूप
* सूखाग्रस्त टोलों में टैंकर से होगी पेयजल आपूर्ति
* एपीसी, मुख्य सचिव, कैबिनेट व आपदा प्रबंधन समूह के स्तर पर होगी समीक्षा