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नीतीश की दो टूक: मुख्यमंत्री पद से नहीं हटेंगे मांझी, भाजपा का गेम प्लान नहीं होने देंगे सफल
पटना: पूर्व सांसद साधु यादव के दही-चूड़ा भोज और एक प्रवक्ता द्वारा तीन मंत्रियों से मांगे गये इस्तीफे के बाद जदयू में मचे बवाल के बीच सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया कि जीतन राम मांझी सरकार को लेकर चल रहे कयासों में कोई दम नहीं है. एक किताब का विमोचन करने […]
पटना: पूर्व सांसद साधु यादव के दही-चूड़ा भोज और एक प्रवक्ता द्वारा तीन मंत्रियों से मांगे गये इस्तीफे के बाद जदयू में मचे बवाल के बीच सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया कि जीतन राम मांझी सरकार को लेकर चल रहे कयासों में कोई दम नहीं है. एक किताब का विमोचन करने फुलवारी के इमारत-ए- शरिया पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि मांझी सरकार को लेकर जो कुछ सोचा जा रहा है, ऐसा कुछ नहीं है.भाजपा का गेम प्लान सफल नहीं होने दिया जायेगा.
काम जिम्मेवारी से करें
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांझी को हटाने संबंधी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं होनेवाला है. उन्होंने कहा कि मेरा जो काम था, मैंने किया. लोकसभा चुनाव की हार की पूरी जिम्मेवारी लेकर मुख्यमंत्री पद का त्याग कर दिया. उसके बाद मैंने जीतन राम मांझी को जिम्मेवारी सौंपी दी है. अब उस ओर मैं देखना भी नहीं चाहता. वह (मांझी) सरकार का काम देख रहे हैं और हम पार्टी संगठन का काम. सभी अपना काम जिम्मेवारी से करें.
शरद-वशिष्ठ तय करेंगे
पार्टी प्रवक्ताओं द्वारा तीन मंत्रियों के संबंध में दिये गये बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी में बातचीत होती रहती है. प्रवक्ताओं पर कार्रवाई की बात नहीं है. इसको ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. लेकिन, प्रवक्ताओं को अपने बयान में नियंत्रण रखना चाहिए. उन्हें कोई ऐसा बयान देने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने बिना नाम लिये कहा कि कुछ लोग जदयू को तोड़ना चाहते हैं. उनका गेम प्लान सफल नहीं होने दिया जायेगा. इस मामले को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह देखेंगे. क्या निर्णय लेना है, वे ही तय करेंगे. राजनीति में ऐसा होता है.
विस उपचुनाव में हार के बाद फिर भाजपा सक्रिय
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा का विचित्र हाल है. कल तक रिमोट से सरकार चलाने का आरोप लगा रहे थे और आज आरोप लगा रहे हैं कि पूरी पार्टी सीएम को परेशान कर रही है. मैं पहले भी कह चुका हूं कि सरकार के बारे में कुछ विचार नहीं है. जीतन राम मांझी की सरकार बनी रहेगी, लेकिन इससे दूसरे लोगों का गेम प्लान एक्सपोज हो गया. जदयू को तोड़ने का जो गेम प्लान सामने आ रहा था, उसका भंडाफोड़ हो गया है. राज्यसभा उपचुनाव के समय से ही बिहार में राजनीति में गंदा खेल खेला जा रहा है. उसमें भाजपा को सफलता नहीं मिली. बिहार विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद फिर से वह खेल शुरू हो गया है. इससे जदयू की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जदयू के अंदर सब मजबूत है और चट्टानी एकता है. हम कई पार्टियों के महाविलय की कोशिश कर रहे हैं. प्रयास जारी है. अब देखना है कि फल कब तक और क्या निकलता है.
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