सैंपल की जांच जयप्रभा ब्लड बैंक में करायी गयी, जिसमें कई कमियां पायी गयी हैं. इस रिपोर्ट को सिविल सजर्न को भेज दिया गया है और उसके बाद इसे विभाग व स्टेट ड्रग कंट्रोलर के पास भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में सभी ब्लड सैंपल में हेमोग्लोबिन की मात्र कम है. इससे यह साबित हो गया है कि इस ब्लड बैंक में प्रोफेशनल डोनर से ब्लड लिया जाता था. वहीं कुछ सैंपल में इनफेक्शन की बात भी सामने आयी है, जिसे चढ़ाने के बाद मरीज ठीक होने की जगह और बीमार हो जाता होगा. छापेमारी के दौरान टीम में सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र प्रसाद, डीआइ संजीव कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर सहित पीरबहोर थाना के थानाध्यक्ष शामिल थे.
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शशि ब्लड बैंक का लाइसेंस होगा रद्द!
पटना: स्वास्थ्य विभाग शशि ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द करेगा. गत आठ जनवरी को इस ब्लड बैंक में गलत तरीके से खून का कारोबार करने की शिकायत मिली थी. उसी शाम सिविल सजर्न के नेतृत्व में ब्लड बैंक में छापेमारी कर चार प्रोफेशनल डोनरों को पकड़ा गया था और खून का सैंपल उठाया था. सैंपल […]
पटना: स्वास्थ्य विभाग शशि ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द करेगा. गत आठ जनवरी को इस ब्लड बैंक में गलत तरीके से खून का कारोबार करने की शिकायत मिली थी. उसी शाम सिविल सजर्न के नेतृत्व में ब्लड बैंक में छापेमारी कर चार प्रोफेशनल डोनरों को पकड़ा गया था और खून का सैंपल उठाया था.
1999 से चल रहा है यह ब्लड बैंक
पीएमसीएच के सामने 1999 से लाइसेंस प्राप्त शशि ब्लड बैंक चल रहा है, जहां के बारे में पूर्व में भी शिकायत ड्रग कंट्रोलर को दी गयी थी, लेकिन उन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया और इस ब्लड बैंक में खून का खेल चलता रहा. हालात ऐसे आ गये कि यहां हर दिन प्रोफेशन डोनर को लाकर खून खरीदा जाता था और इसे बाजार में महंगी दर पर जरूरतमंदों को बेच दिया जाता था.
सरकारी में नहीं मिलता है एबी पॉजीटिव
ब्लड बैंकों में ऐसे तो लोगों को सभी ग्रुप के खून मिल जाते हैं, लेकिन एबी निगेटिव का मिलना आज भी मुश्किल काम है. हमारे देश में 80 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप ए बी या ओ पॉजीटिव है. इस कारण से मरीजों को अन्य ग्रुप को छोड़ कर अन्य ग्रुप के मरीजों को यदि प्लेटलेट की जरूरत पड़ती है, तो उस वक्त उनके परिजन परेशान हो पाते हैं, लेकिन खून के धंधे में जुड़े कारोबारी ऐसे खून का भी इंतजार रखते हैं और इसे जरूरतमंदों को एक बैग देने के एवज में 10 हजार तक लेते हैं.
ब्लड बैंक से लिये गये ब्लड के सैंपल में कई कमियां पायी गयी हैं. रिपोर्ट को विभाग भेजा गया है और इन कमियों के आधार पर उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, लेकिन यह निर्णय विभाग को लेना है.
डॉ केके मिश्र, सिविल सजर्न
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