22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अदालत में साक्ष्य पेश कराने की राज्य सरकार ने नहीं की कोशिश

पटना: शंकर बिगहा नरसंहार मामले में एक बार फिर दलित-पिछड़ों को सरकार की उदासीनता के कारण न्याय से वंचित होना पड़ा. क्या सरकार की यह जिम्मेवारी नहीं थी कि शंकर बिगहा मामले को गंभीरता से लेती और अदालत में साक्ष्य पेश कराती? जदयू सरकार से उक्त सवाल बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पूछा […]

पटना: शंकर बिगहा नरसंहार मामले में एक बार फिर दलित-पिछड़ों को सरकार की उदासीनता के कारण न्याय से वंचित होना पड़ा. क्या सरकार की यह जिम्मेवारी नहीं थी कि शंकर बिगहा मामले को गंभीरता से लेती और अदालत में साक्ष्य पेश कराती? जदयू सरकार से उक्त सवाल बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पूछा है.

उन्होंने कहा है कि लालू-राबड़ी राज में जहां दलितों-अति पिछड़ों का नरसंहार हुआ, वहीं नीतीश कुमार के राज में उन्हें न्याय से वंचित होना पड़ा. अरवल जिले के शंकर बिगहा नरसंहार के सभी 24 आरोपित निचली अदालत से बरी हो गये हैं. लालू-राबड़ी शासन काल के दौरान हुए बथानी टोला,लक्ष्मणपुर बाथे और मियांपुर जैसे कई नरसंहारों की श्रृंखला में शंकर बिगहा का नाम तब शामिल हुआ था, जब 25 जनवरी,1999 को 23 दलित व अतिपिछड़ी जाति से आने वाले लोगों की हत्या कर दी गयी थी.

16 को जहानाबाद-अरवल बंद करायेगा भाकपा माले : शंकर बिगहा नरसंहार के आरोपितों की रिहाई के विरोध में भाकपा माले 16 जनवरी को जहानाबाद और अरवल बंद करायेगा. न्उक्त जानकारी बुधवार को माले के राज्य सचिव कुणाल ने दी. उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू शासन में तो गरीबों का संहार हो ही रहा था,अब जब बिहार की सत्ता महादलित मुख्यमंत्री के हाथ में है तब भी गरीबों के न्याय का संहार हो रहा है. बाथे-बथानी और मियांपुर के बाद शंकर बिगहा नरसंहार के सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया.

भाकपा माले ने उच्चतम न्यायालय के अधीन एसआइटी का गठन कर तमाम जनसंहार पर नये सिरे से जांच कराने और अमीर दास आयोग को पुनर्बहाल की मांग की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें