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मकर संक्रांति पर बढ़ी सियासी हलचल, दही-चूड़ा भोज में होगा जदयू-राजद विलय पर मंथन

पटना: चुनावी वर्ष होने के कारण इस साल मकर संक्रांति के मौके पर प्रदेश में सियासी हलचल भी तेज हो गयी. जदयू की ओर से बुधवार को न्यू पटना क्लब में दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, महासचिव […]

पटना: चुनावी वर्ष होने के कारण इस साल मकर संक्रांति के मौके पर प्रदेश में सियासी हलचल भी तेज हो गयी. जदयू की ओर से बुधवार को न्यू पटना क्लब में दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, महासचिव केसी त्यागी, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला आदि शामिल होंगे. बुधवार को ही लालू-राबड़ी के 10, सकरुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है. इसमें शरद और नीतीश समेत जदयू के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे.
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, दही-चूड़ा भोज के दौरान जदयू-राजद की ओर से विलय को लेकर साझा घोषणा की जा सकती है. पहली बार ऐसा होगा, जब जदयू के भोज में राजद के नेता शामिल होंगे और राजद के भोज में जदयू के नेता शिरकत करेंगे. विलय के पहले दोनों दलों की दोस्ती की ओर बढ़े कदम के रूप में इसे देखा जा रहा है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मंगलवार को कहा कि विलय के पहले की प्रकिया पूरी कर ली गयी है.

भोज के मौके पर दोनों दलों के नेता जुटेंगे, तो बाकी की चर्चा भी हो जायेगी.दोनों दलों की ओर से एक दूसरे दल के विधायकों और विधान पार्षदों को न्योता भेजा गया है. इधर, एनडीए के घटक रालोसपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने आवास पर बुधवार को दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया है. पटना स्थित अपने निजी आवास पर उपेंद्र कुशवाहा ने इस भोज में सहयोगी दलों भाजपा व लोजपा के नेताओं को भी न्योता है.

15 को सुशील मोदी के आवास पर है भोज
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास पर गुरुवार को दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है. इसमें पार्टी के सभी नेता और सहयोगी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है.
बिहार में पहले चुनाव इसलिए पहले यहीं हो विलय : शरद
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मंगलवार को पटना में कहा कि बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है, इसलिए पहले यहीं जदयू और राजद का विलय होना चाहिए. इस पर विचार किया जा रहा है. बुधवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की ओर से आयोजित दही-चूड़ा भोज में सम्मिलित होने पटना पहुंचे शरद यादव ने कहा कि मैं यह नहीं कह सकता कि आगे क्या होनेवाला है. लेकिन, बिहार परिवर्तन की जमीन है, इसलिए विलय की शुरुआत यहीं से होनी चाहिए. शरद यादव ने कहा कि हम पुराना जनता दल परिवार के एकीकरण के पक्षधर हैं. दिल्ली में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर जाकर विलय प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि बिहार से लोगों की उम्मीदें लगी है, इसलिए विलय की शुरुआत यहीं से होनी चाहिए.
विलय में हड़बड़ी नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर होगा निर्णय : लालू
मकर संक्रांति पर राजद-जदयू के विलय को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच पटना पहुंचे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि विलय को लेकर अभी कोई हड़बड़ी नहीं है. जनता परिवार का विलय राष्ट्रीय स्तर पर होगा. इस बात को उन्होंने खारिज किया कि बिहार में पहले राजद-जदयू का विलय होगा, उसके बाद अन्य दलों का. उन्होंने कहा कि यह कैसे होगा कि पहले राजद-जदयू का विलय हो और उसके बाद यह प्रक्रिया फिर से राष्ट्रीय स्तर पर अपनायी जाये. जब उनसे पूछा गया कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि बिहार में पहले राजद-जदयू का विलय होगा. इसके जवाब में लालू प्रसाद ने बताया कि शरद जी की बात को समझने में 100 वर्ष लग जायेंगे.पटना लौटने के बाद 10 सकरुलर रोड़ स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में लालू प्रसाद ने कहा, जनता परिवार को मर्जर करना जरूरी है और यह समय की पुकार भी है. मर्जर के पक्षधर सभी हैं. मोरचा बनाने से अच्छा है कि दलों का मर्जर किया जाये. इस काम के लिए मुलायम सिंह यादव को अधिकृत कर दिया गया है. इस मामले में हर आदमी बोलने के लिए अधिकृत नहीं है. नीतीश कुमार दिल्ली में मुझसे मिलने आये थे. सभी लोग मुलायम सिंह यादव से मिल कर विलय की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने की बात की गयी है. हमलोगों में इगो प्राब्लम्स नहीं है. कौन क्या बनेगा, इसको लेकर भी परेशानी नहीं है. यह पूछे जाने पर अगला मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रहेंगे, उन्होंने कहा कि यह तय करनेवाला मैं कौन होता हूं. उन्होंने मीडिया में चल रही उन खबरों का खंडन किया कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से वह नाराज हैं, नीतीश कुमार क्लियरेंस लेने गये हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तो सेक्रिफाइश करके मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया.

अब इसे मिस अंडरस्टैंडिंग करने की कोशिश की जा रही है. जीतन राम मांझी को हटाना मुद्दा नहीं है. जनता परिवार के लोग अब दिल्ली के लिए कूच कर गये हैं. यह पूछे जाने पर कि राजद-जदयू के विलय के बाद भाजपा ने मिशन 185+ लक्ष्य निर्धारित कर लिया है, लालू प्रसाद ने कहा, इस लक्ष्य में वह सीढ़ी लगा दे. सच तो यह है कि बिहार से ही बीजेपी को नथिया पहनाने का काम किया जायेगा. देश का नजरिया बदल जायेगा. हालांकि, लालू प्रसाद ने हंसते-हंसते यह भी कह डाला कि एक बार मेरेसाथ रामविलास पासवान की पार्टी का गंठबंधन हुआ था. उस समय हवा बना कि लालू प्रसाद मुख्यमंत्री और पशुपति कुमार पारस को उपमुख्यमंत्री बनाया जायेगा. उस वक्त लोग सोचने लगे कि दोनों सीट अपने में बांट ली, तो पासवान ने मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाने की बात क्यों किया? इसके बाद हम दोनों साफ हो गये.

लालू प्रसाद ने बताया कि बुधवार को पहले हम जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के दही-चूड़ा भोज में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि वहां पर भोज खाने के बाद सभी को अपने घर 10 सकरुलर रोड में भोज के लिए आमंत्रित कर लाऊंगा. उन्होंने संक्रांति के भोज की तैयारियों का जानकारी ली.

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