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अस्पताल से जेल भेजे गये इंस्पेक्टर व जमादार

पटना/ बाढ़: दो दिनों तक पीएमसीएच में इलाज कराने के बाद मोकामा फर्जी इनकाउंटर मामले के आरोपित इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह व जमादार राज कुमार चौधरी को सोमवार की शाम जेल भेज दिया गया. इसके पहले दोनों आरोपितों को देर शाम बाढ के प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रकाश कुमार शरण की अदालत में पेश […]

पटना/ बाढ़: दो दिनों तक पीएमसीएच में इलाज कराने के बाद मोकामा फर्जी इनकाउंटर मामले के आरोपित इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह व जमादार राज कुमार चौधरी को सोमवार की शाम जेल भेज दिया गया. इसके पहले दोनों आरोपितों को देर शाम बाढ के प्रभारी अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रकाश कुमार शरण की अदालत में पेश किया गया जहां से न्यायिक अभिरक्षा में बाढ़ उपकारा भेज दिया गया.

अवर निरीक्षक बूंदी मांझी के नेतृत्व पुलिस दल बाढ़ कोर्ट पहुंचा. दोनों की गिरफ्तारी वरीय अधिकारियों के निर्देश पर किया गया है तथा आरोप पत्र में पर्याप्त साक्ष्य होना बताया गया है. पटना से उपचार के बाद दोनों को मुक्त कर दिया गया था. इनकाउंटर के वादी इंस्पेक्टर तथा अन्य पुलिस कर्मियों के बयान में जांच के बाद काफी विरोधाभास पाया गया था. जांच टीम ने पाया कि 31 मई की देर रात हुए मुठभेड़ में इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने महज 35 फीट की दूरी से तथाकथित अपराधियों से गोली चलने की बात कहीं थी जबकि सहायक अवर निरीक्षक राजकुमार चौधरी ने 100 मीटर की दूरी पर गोली चलने की बात कहीं थी. दोनों के बयानों में विरोधाभास पाया गया. मुठभेड़ के दौरान देखते ही गोली मारने की बात कही गयी लेकिन जांच के दौरान पुलिस और अपराधी के बीच गोलीबारी का सबूत नहीं मिला. गवाह चंद्रशेखर तथा बमबम मंगल के बयान से भी फर्जी मुठभेड़ की पुष्टि हुई.

शनिवार को हुई थी गिरफ्तारी
मोकामा फर्जी मुठभेड़ मामले के आरोपित इंस्पेक्टर जमादार को शनिवार की शाम सीआइडी के अधिकारी पूछताछ के लिए सचिवालय बुलाये थे. वहां पहुंचने पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को सचिवालय थाने में रखा गया था. देर रात दोनों की तबीयत बिगड़ गयी तो उन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच में भरती कराया गया था. दोनों की गिरफ्तारी को बिहार पुलिस एसोसिएशन के अधिकारियों ने गलत बताया था. मोकामा थानाध्यक्ष बनने के पहले इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह सीआइडी के ही स्पेशल ब्रांच में ही तैनात थे. 1989 बैच के दारोगा अशोक कुमार काफी पहले ही इंस्पेक्टर बन गये थे. अगर मोकामा मुठभेड़ सही साबित जाता तो इंस्पेक्टर की वरदी पर एक और स्टार लग जाता वह जल्द ही डीएसपी भी बन जाते लेकिन उनके मंसूबे पर पानी फिर गया.

हत्या में कोई गिरफ्तारी नहीं
फुलवारीशरीफ त्न गौरीचक थाना के मोहिद्दीपुर गांव में शनिवार की देर रात गोइठा थोपने के विवाद में राजकुमार राय की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में मृतक के परिजनों ने चचेरे भाई रामबालक राय और उनके दो बेटों को आरोपित किया गया है. इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस चुपचाप बैठी हुई है. थानाप्रभारी ने बताया कि आरोपित की गिरफ्तारी जल्द होगी.

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