उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को डर है कि कहीं उनके विधायक भाग ना जाएं. इसलिए विलय करवाना चाह रहे हैं. इसमें वह कभी सफल नहीं होंगे. 2010 में बिहार की जनता ने जदयू को वोट नहीं किया था बल्कि एनडीए (जदयू-भाजपा)को वोट किया था. एनडीए से हट कर जनता से धोखा हुआ है.
अब जिस जंगल राज के खिलाफ सत्ता में आये उसी के साथ मिल कर आगे बढ़ना चाह रहे हैं. यह जनता के साथ छलावा है. जब एनडीए से हटे थे उसी समय क्यों नहीं चुनाव में चले गये. लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिखावटी रूप में नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया और अब अब जीतन राम मांझी को हटा कर खुद या किसी कठपुतली को सीएम बनाना चाह रहे हैं. पार्टी के कई विधायक ऐसा नहीं होने देंगे.हाइकोर्ट के फैसले की कॉपी विधानसभा के सचिव को सौंप दी गयी है. उनके अधिवक्ता ने सचिव को फैसले की कॉपी दी. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि कोर्ट के फैसले के मुताबिक चारों पूर्व विधायकों को विधायक मानते हुए नवंबर और दिसंबर का बकाया वेतन व भत्ता जल्द से जल्द मिलेगा.