फुलवारीशरीफ: दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक पित्ताशय का कैंसर गंगा तट के निकट रहनेवालों में पाया जा रहा है. यहां पाये जानेवाले प्रोस्टेट कैंसर के मामले देश में सर्वाधिक है. बिहार, उत्तरप्रदेश व पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे का क्षेत्र है, जहां देश में गॉल ब्लॉडर अथवा पित्ताशय के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं. यह बात शुक्रवार को महावीर कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने गॉल ब्लॉडर कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेस वार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि कैंसर के लगभग 200 प्रकारों में गॉल ब्लॉडर कैंसर बहुत ही बिरले किस्म का है.
गंगा तट पर रहनेवाले लोगों में बीमारी की अधिकता
हालांकि, इसके होने का कोई ठोस कारण पता नहीं चला है, किंतु ऐसा माना जाता है कि इसका संबंध पित्ताशय में होनेवाली पथरी से है. गंगा के किनारे एक खास किस्म प्रकार का फंगी बहुत ही अधिक मात्र में मिलता है.इसे एफलेटॉक्सिन के नाम से जानते हैं, जो गंगा तट पर रहनेवाले लोगों में अधिक पाया जाता है. डॉ सिंह ने कहा कि नदी में लगातार छोड़े जा रहे घातक रासायनिक अपशिष्टों से यह स्थिति पैदा हो रही है.
इसके कारण गॉल ब्लॉडर, किडनी, भोजन नली, प्रोस्टेट लीवर व यूरिनरी ब्लॉडर कैंसर के मामलों में चिंताजनक रूप में वृद्धि हुई है. पेट में दायें तरफ दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, वजन कम होना, पीलिया , उल्टी होना आदि लक्षण होने पर कैंसर विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए. प्रेस वार्ता में कीमोथेरेपी की विभागाध्यक्ष डॉ मनीषा सिंह व वरिष्ठ सजर्न डॉ प्रीति जैन भी मौजूद थीं.