* 17वीं फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का समापन
* प्रतिभागियों को मिला प्रमाणपत्र
पटना : सूचना व जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित 17वीं फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का समापन शनिवार को हो गया. विभाग के विशेष सचिव एनसी झा ने कहा कि फिल्म के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. कार्यशाला से प्रतिभागियों को काफी लाभ होगा.
छात्र–छात्राओं द्वारा बनायी गयी डॉक्यूमेंटरी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों ने खूब मेहनत की है. नौ दिनों तक चली कार्यशाला में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी आरएन दास, ममता मेहरोत्र, विनोद अनुपम, एनएन पांडेय, फैंक क्रिशनर, नितिन चंद्रा, प्रणव शाही, मिनती चकलानवीस आदि ने फिल्म निर्माण, संपादन व प्रोडक्शन का प्रशिक्षण दिया.
कार्यशाला का उद्देश्य फिल्म निर्माण के विविध आयामों के प्रति युवाओं में रुझान पैदा करना है, ताकि उन्हें इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने में मदद मिल सके. राजस्थान के दूरदराज से पटना के सड़कों के किनारे अपनी कला की छटा बिखेरते मूर्ति कलाकारों के जीवन व कला पर आधारित डॉक्यूमेंटरी ‘कला के मुसाफिर’ की प्रस्तुति काफी सराहनीय रही. दूसरी फिल्म श्रद्धांजलि थी. यह फिल्म गांधी मैदान में नवनिर्मित महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा पर आधारित थी.
प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया गया. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी व सिने सोसाइटी के चेयरमैन आरएन दास ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. विभाग के निदेशक दुर्गेश नंदन ने स्कार्यशाला की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला. संचालन मिनती चकलानवीस ने किया.