पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के जनता दरबार में एक युवक द्वारा जूता उछाले जाने की घटना की पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी को भी असहमति और विरोध जताने का हक है, लेकिन इसके लिए शालीन और मर्यादित तरीका ही अपनाया जाना चाहिए.
मोदी ने कहा कि जनता दरबार में लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं. मुख्यमंत्री से उनकी उम्मीदें बंधी होती हैं. जब वहां भी समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो आक्रोश पनपता है. जनता दरबार दिखावा नहीं होना चाहिए. गंठबंधन की सरकार के दौरान हर स्तर पर जनता दरबार लगता था.
लोगों की समसयएं सुन कर उसका समाधान किया जाता था, लेकिन अब निचले स्तर पर जनता दरबार लगना प्राय: बंद हो गया है. राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव व कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन ने मुख्यमंत्री जूता उछाले जाने की घटना की निंदा की है. दोनों नेताओं ने कहा कि यह विपक्षी दल की साजिश है. उन्होंने कहा कि विपक्ष जातीय तनाव व धार्मिक उन्माद फैलाकर नफरत की राजनीति कर रहा है.