* तीन महीने में नहीं हटाने पर रद्द होंगे परमिट व लाइसेंस
– 15 साल पुराने वाहन शहर से बाहर होंगे. ऐसे वाहनों से प्रदूषण अधिक फैल रहा है. इनसे निकलनेवाला धुआं प्रदूषण मानकके अनुरूप नहीं है. हाइकोर्ट की बार–बार फटकार के बाद यह निर्णय राज्य परिवहन प्राधिकार की बैठक में लिया गया. –
पटना : ऐसे वाहनों को चिह्न्ति कर लिया गया है, जिनसे राजधानी में प्रदूषण फैल रहा है. इनमें पांच हजार ऑटो रिक्शा, 70 सिटी राइड बसें व 100 स्कूल बसें हैं. वाहन मालिकों को तीन महीने का समय दिया गया है. इस अवधि में यदि सड़क से वाहन नहीं हटाते हैं, तो उनका परमिट व निबंधन रद्द कर दिया जायेगा.
* हर पंप पर होगी जांच सुविधा
हाइकोर्ट की फटकार के बाद परिवहन विभाग ने पटना के हर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. फिलहाल पटना के 52 स्थलों पर प्रदूषण जांच केंद्र चल रहे हैं. हर पेट्रोल पंप पर जांच सुविधा होने से वाहन चालकों को अधिक परेशानी नहीं होगी. जो भी पेट्रोल पंप मालिक प्रदूषण जांच केंद्र लाइसेंस के लिए आवेदन देंगे, उन्हें प्राथमिकता पर लाइसेंस मिलेगा. इसके लिए पंप मालिकों को आरटीए सचिव के यहां आवेदन देना होगा. पंप मालिकों की बैठक डीटीओ की अध्यक्षता में शीघ्र होगी.
* बनी विशेष कमेटी
विशेष सचिव परिवहन की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. कमेटी अवलोकन करेगी कि जनसंख्या व उसकी आवश्यकताओं को देखते हुए किस रूट में कितने वाहन चलाये जायें, ताकि लोगों को सहूलियत हो. ओवरलोडिंग, 18 साल से कम उम्र और शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसा जायेगा. तीन–चार दिन में जांच अभियान शुरू होगा. प्रेशर हॉर्न के खिलाफ भी अभियान चलेगा. पकड़े जाने पर जुर्माना लगेगा.
* राज्य परिवहन प्राधिकार की बैठक में निर्णय
* पांच हजार ऑटो रिक्शा 70 सिटी राइड बसें व सौ स्कूल बसें चिह्न्ति
* हाइकोर्ट ने कहा था
पटना हाइकोर्ट ने 18 जुलाई को राजधानी में वाहनों की बढ़ती संख्या को लेकर परिवहन विभाग व राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को कड़ी फटकार लगायी थी. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने सुनील सिंह की लोकहित याचिका की सुनवाई करते सरकार से पूछा था कि संकीर्ण सड़कों पर कितनी गाड़ियां चलायी जा सकती हैं. खंडपीठ ने यह भी कहा था कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के केंद्र राजधानी में कहीं नहीं दिखते, जबकि सभी पेट्रोल पंपों पर इस केंद्र को रहना है. 15 साल से पहले निबंधित तिपहिया वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं. कहीं चेकिंग प्वाइंट नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होनी है.
* 15 साल पुराने वाहनों को चिह्न्ति कर लिया गया है. ऐसे वाहन मालिकों को तीन महीने का समय दिया गया है, ताकि वे वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें.
दिनेश कुमार राय, डीटीओ
* नियम सबके लिए बराबर होने चाहिए. ऑटो व बस समेत अन्य वाहनों पर भी यह कार्रवाई होनी चाहिए.
नवीन मिश्र, सचिव, पटना ऑटो रिक्शा चालक संघ