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प्राइवेट बैंक से भी मिलेगा होम लोन

प्रमोद झा पटना : राज्य सरकार ने अपने कर्मियों को 75 लाख रुपये तक घर बनाने के लिए लोन लेने की स्वीकृति दी है. राज्य सरकार ने आइसीआइसीआइ द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर विचार करने के बाद बैंक के साथ समझौता किया है. फिलहाल सीमा साढ़े सात लाख रुपये अथवा राज्य सरकार के कर्मी के […]

प्रमोद झा
पटना : राज्य सरकार ने अपने कर्मियों को 75 लाख रुपये तक घर बनाने के लिए लोन लेने की स्वीकृति दी है. राज्य सरकार ने आइसीआइसीआइ द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर विचार करने के बाद बैंक के साथ समझौता किया है. फिलहाल सीमा साढ़े सात लाख रुपये अथवा राज्य सरकार के कर्मी के वेतन का 60 गुना दोनों में जो कम हो है.
सरकार भी मानती है कि वर्तमान समय में यह राशि काफी कम है. सरकारी बैंकों के प्रावधान को लेकर राज्य सरकार ने निजी बैंकों के साथ इस संबंध में करार किया है. वित्त विभाग ने निजी बैंकों को शामिल करने के संबंध में पहले ही कैबिनेट से मंजूरी ले ली है. विभाग के सात मार्च 2014 के संकल्प संख्या 2251 को गैर सरकारी बैंकों को लोन देने की योजना में बैंक को शामिल किया है. अब राज्य सरकार के कर्मी आइसीआइसीआइ बैंक से घर बनाने, घर खरीदने, फ्लैट खरीदने, मकान की मरम्मत व मकान के विस्तार के लिए लोन ले सकते हैं.
बैंक न्यूनतम दर पर लोन देगा. आरबीआइ के दिशा-निर्देश के अनुरूप बैंक द्वारा समय-समय पर घोषित बेस रेट पर लोन मिलेगा. राज्य सरकार के कर्मियों को आय के आधार पर 75 लाख रुपये तक घर बनाने के लिए लोन का भुगतान बेस रेट के अलावा 15 बीपीएस (बिजनेस प्रोसेस सर्विस)पर किया जायेगा. बेस रेट के परिवर्तन होने पर इंट्रेस्ट रेट कम व अधिक होगा. राज्य सरकार के अधीनस्थ विभाग में नियमित वेतनमान में कार्य करनेवाले को लोन मिल सकता है. अगर वह 25 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं,तो उन्हें भी लोन मिल सकता है. संविदा पर कार्यरत कर्मियों को लोन नहीं मिलेगा.
ऐसे मिलेगा लोन
अपने निकासी व व्ययन पदाधिकारी के माध्यम से जिला मुख्यालय में स्थित शाखा बैंक में आवेदन जमा कर सकते हैं. भुगतान क्षमता व 35 वर्षो की बची सेवा अथवा रिटायर दोनों में जो पहले हो, के आधार पर लोन मिलेगा. सेवा कर्मी का निकासी व व्ययन पदाधिकारी बैंक की इस शर्त को सुनिश्चित करेगा कि हर माह के वेतन से बैंक द्वारा निर्धारित इएमआइ जमा हो. इसके लिए सरकारी कर्मी को जिस बैंक से वेतन भुगतान होता है उस बैंक के माध्यम से लोन देनेवाले बैंक में इएमआइ जमा होगी. सरकारी सेवक के ट्रांसफर की स्थिति में निर्गत होने वाले लास्ट पे सर्टिफिकेट में अनिवार्य तौर पर बकाया लोन का उल्लेख होगा ताकि ट्रांसफर पद पर योगदान के बाद संबंधित निकायी व व्ययन पदाधिकारी नियमानुसार इएमआइ की कटौती बैंक में भुगतान करा सके.
ऐसे होगी बकाया वसूली
घर बनाने के लिए लोन भुगतान करने से पहले सरकारी सेवक की मृत्यु होने पर एग्रीमेंट के अनुसार कर्मी की लीव इनकैशमेंट की राशि व भविष्य निधि-ग्रेच्युटी की राशि से एकमुश्त राशि बैंक को ट्रांसफर की जायेगी. इसके बाद भी राशि बचने पर बैंक बननेवाले घर के इक्वेटेबल मॉर्गेज की राशि वसूल कर सकती है.

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