पटना: एनसीसी (बिहार, झारखंड) के एडीजी राज पाल सिंह काफी मिलनसार व्यक्ति थे. उनकी मौत की खबर जैसे ही सीडीए भवन स्थित कार्यालय में पहुंची उनके सहकर्मी को पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ कि इतने अच्छे इनसान अब इस दुनिया में नहीं रहे. लोगों को उनकी मौत की जानकारी टीवी चैनलों से मिली. शुक्रवार की दोपहर तक उन्होंने अपने कार्यालय में काम किया.
उसके बाद फ्लाइट पकड़ कर दिल्ली चले गये थे. शाम सात बजे दिल्ली के द्बारिका स्थित घर में उनकी संदिग्ध परिस्थिति में लाश मिली. उनके सहकर्मियों का कहना था कि इन दिनों वह अपनी पोस्टिंग को लेकर परेशान रहते थे. पटना के सीडीए भवन स्थित क्वार्टर में वह अकेले ही रहते थे. करीब डेढ साल पहले उनकी पोस्टिंग पटना में हुई थी. वह मेजर जेनरल रैंक के अधिकारी थे. गार्ड चंदन ने बताया कि उनकी पत्नी व बच्चे कभी-कभार उनसे मिलने के लिए आते थे. एक-दो दिन रहने के बाद वह वापस चले जाते थे. इसी साल 31 अक्तूबर को वह रिटायर्ड होने वाले थे. उन्हें धर्म -कर्म में भी काफी आस्था थी.
सीडीए भवन के समीप स्थित दुर्गा मंदिर में वह हर दिन शाम में आरती के समय पूजा करने जाया करते थे. अपने सहकर्मियों से उनका बरताव काफी अच्छा था. सभी उनकी मौत से काफी दुखी थे. एक बार में तो उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि दोपहर में हंसते हुए कार्यालय से घर जाने के लिए निकले साहब के साथ पांच घंटो में क्या हो गया है कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे.