पटना: राज्य में मानव व्यापार पर लगाम कसने का अभियान साल के पहले ही दिन से शुरू हो गया है. सीआइडी के कमजोर वर्ग द्वारा शुरू किये गये इस अभियान को ‘ऑपरेशन महावीर’ नाम दिया गया है. हालांकि सीआइडी के कमजोर वर्ग ने वर्ष 2015 को मानव व्यापार से पीड़ित किशोरों की मुक्ति वर्ष के रूप में मनाने की पहले ही घोषणा कर दी है.
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन किशोरों को मुक्त कराना है, जिन्हें मानव व्यापार में सक्रिय गिरोह देश के अन्य राज्यों में काम दिलाने के बहाने ले जाते हैं.
सीआइडी के कमजोर वर्ग के एडीजी अरविंद पांडेय ने बताया कि उनके इस ऑपरेशन का उद्देश्य सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का अक्षरश: पालन करना है, जिसमें कोर्ट ने लापता बच्चों खासकर किशोरों के मानवाधिकारों की सुरक्षा करने का निर्देश सभी राज्य सरकारों को दिया है. उन्होंने कहा कि सभी जिलों के एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष बल का गठन किया गया है. इसमें मानव व्यापार निरोधी इकाई व किशोर पुलिस इकाई में कार्यरत पदाधिकारियों को शामिल किया गया है. जरूरत के अनुसार वे इस काम में जिला पुलिस बल की भी सहायता ले सकेंगे.
होगी विशेष चौकसी
सूबे के सभी थानाध्यक्षों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ईंट-भट्ठे, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सिनेमा हॉल, लाइन होटल जैसे स्थानों पर जा कर यह सुनिश्चित करना होगा कि इन स्थानों पर किसी किशोर से तो काम नहीं लिया जा रहा है या उसका शोषण तो नहीं किया जा रहा है. ऐसे स्थानों से किशोरों की बरामदगी के बाद अगर उनके शोषण की कोई भनक पुलिस को मिलती है, तो उसके साक्ष्य एकत्र कर संबंधित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और उनके मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. यहां से बरामद होनेवाले बच्चों को जिलों की बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जायेगा. ऐसे बच्चों को यह समिति अपना संरक्षण देगी.