— गांधी संग्रहालय में प्रगति ग्रामीण विकास समिति का कार्यक्रमसंवाददाता, पटनाभूमिहीन किसान आज भी अपने अधिकारों से वंचित है. ऐसे में जन संगठनों का काम है कि वे उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करें. यह कहना है एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के निदेशक डीएम दिवाकर का. वह मंगलवार को गांधी संग्रहालय में प्रगति ग्रामीण विकास समिति की ओर से ‘भूमि एवं आजीविका के संसाधनों पर राज्यस्तरीय जन सुनवाई’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि सरकार दलितों के उत्थान के प्रति संवेदनशील भी है. बावजूद समुचित लाभ नहीं मिल रहा है. एकता परिषद के अध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने बताया कि सरकार दलितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है. आजीविका के लिए जमीन भी उपलब्ध करा रही है. बावजूद उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला है. जमीन का परचा होने के बाद भी जमीन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. वजह है राजस्व कर्मियों की उदासीनता. वह दलितों को जमीन पर मालिकाना हक दिलाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. इससे दलितों का विकास नहीं हो पा रहा है. इसके लिए सरकार को जमीनी स्तर पर काम करना होगा. योजनाओं को लागू करने के साथ-साथ इसकी मॉनीटरिंग भी करानी होगी. तभी भूमिहीन किसानों को आजीविका का लाभ मिलेगा. बिहार राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष सीपी सिन्हा ने बताया कि आयोग भूमिहीन किसानों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील है. इसके लिए कई तरह से उन्हें समय पर जानकारी भी दी जाती है ताकि वे संबंधित समस्याओं को आयोग के समक्ष रख सकें. मौके पर प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सदस्य संजय कुमार व सुनील कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.
भूमिहीनों को मिले जमीन का मालिकाना हक : दिवाकर,सं
— गांधी संग्रहालय में प्रगति ग्रामीण विकास समिति का कार्यक्रमसंवाददाता, पटनाभूमिहीन किसान आज भी अपने अधिकारों से वंचित है. ऐसे में जन संगठनों का काम है कि वे उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करें. यह कहना है एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के निदेशक डीएम दिवाकर का. वह मंगलवार को गांधी संग्रहालय में प्रगति ग्रामीण […]
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