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सूबे में 5614 स्कूलों को जमीन की जरूरत : उपेंद्र कुशवाहा

सूबे में 5614 स्कूलों को जमीन की जरूरत दाउदनगर (अनुमंडल). राज्य सरकार के जमीन नहीं दिये जाने के कारण शिक्षा से संबंधित योजनाएं अधूरी हैं. अगर राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा देती है, तो अधूरी पड़ी योजनाएं पूरी हो जायेंगी. ये बातें सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री व काराकाट के सांसद उपेंद्र कुशवाहा […]

सूबे में 5614 स्कूलों को जमीन की जरूरत दाउदनगर (अनुमंडल). राज्य सरकार के जमीन नहीं दिये जाने के कारण शिक्षा से संबंधित योजनाएं अधूरी हैं. अगर राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा देती है, तो अधूरी पड़ी योजनाएं पूरी हो जायेंगी. ये बातें सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री व काराकाट के सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने दाउदनगर के मगध होटल में प्रेस वार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि सूबे में 5614 प्राथमिक विद्यालय व अपर प्राथमिक विद्यालयों को जमीन की जरूरत है. सरकार जमीन नहीं दे रही है, जिससे योजनाओं पर काम नहीं हो रहा है. सोन नदी से सटे दोनों इलाकों में एक-एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की योजना है. इसके लिए राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा कर औपचारिक सहमति केंद्र सरकार को भेजे. हम स्वीकृति प्रदान करने के लिए तैयार हैं. आम लोग भी जमीन दे सकते हैं. एक केंद्रीय विद्यालय के लिए 10 एकड़ जमीन की जरूरत है. पहले से डेढ़ दर्जन विद्यालय जमीन नहीं होने के कारण बंद होने के कगार पर हैं. पिछले 25 वर्षों से जमीन नहीं मिल पायी है. कम-से-कम आठ एकड़ देनी होगी, तभी केंद्रीय विद्यालय का निर्माण संभव है. खुलेगा एनसीइआरटी का क्षेत्रीय कार्यालयकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में एनसीइआरटी का क्षेत्रीय कार्यालय भी खोला जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के मामले में राजनीति पसंद नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्कूल नहीं, केवल मदिरालय खोलना चाहती है. आनेवाले दिनों में जनता को इस सरकार से मुक्ति दिलानी होगी. बिहार में भी नरेंद्र मोदी की देख-रेख में सरकार बने, तभी लोगों की अपेक्षाएं पूरी होंगी.

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