फोटो सरोज देंगेसंवाददाता, पटनामानस मंदिर विकास समिति की ओर से श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन किया गया. कथा वाचक श्रीश्री 1008 स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने जड़ भरत वंश का वर्णन, अजामिल नारद को दक्ष का श्राप, हिरण्यकश्यप की तपस्या और प्रहलाद जन्म की कथा सुनायी. उन्होंने भक्त प्रहलाद की भगवान विष्णु के प्रति अपार भक्ति के बारे में बताया. प्रहलाद जैसा प्रभु भक्त न कही हुआ और न ही होगा. प्रहलाद ने अपनी मां के उदर से ही भगवान हरि की भक्ति प्रारंभ की. इस कारण भगवान ने जन्म से लेकर पूरे जीवन काल तक उसकी रक्षा की. जबकि प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप भवान विष्णु के विरोध थे. स्वंय भगवान श्री कृष्ण महा भारत के युद्ध में रहते थे. वहीं मौके पर मौजूद अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि भगवान कृष्ण अपने लिलाओं से संपूर्ण मानव जगत संदेश दिये हैं. कथा में मुख्य यजमान राजीव कुमार थे.
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भागवत में भक्त प्रहलाद की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्वालु
फोटो सरोज देंगेसंवाददाता, पटनामानस मंदिर विकास समिति की ओर से श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन किया गया. कथा वाचक श्रीश्री 1008 स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने जड़ भरत वंश का वर्णन, अजामिल नारद को दक्ष का श्राप, हिरण्यकश्यप की तपस्या और प्रहलाद जन्म की कथा […]
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