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34 फीसदी आबादी को रहने के लिए घर नहीं

पटना. आज भी भारत की 20 करोड़ आबादी ऐसी है, जो सड़कों पर निवास करती हैं. वे फुटपाथ दुकानों व झोपडि़यों में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. वे इधर से उधर घूम कर जिंदगी बिता रहे हैं. सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बावजूद इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. ये बातें सर्वोच्च न्यायालय […]

पटना. आज भी भारत की 20 करोड़ आबादी ऐसी है, जो सड़कों पर निवास करती हैं. वे फुटपाथ दुकानों व झोपडि़यों में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. वे इधर से उधर घूम कर जिंदगी बिता रहे हैं. सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बावजूद इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. ये बातें सर्वोच्च न्यायालय के कमिश्नर के सलाहकार रूपेश कुमार ने कही. वे बुधवार को असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन, एक्शन एड व सहयोग ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में स्वशासन और शहरीकरण की प्रक्रिया में गरीबों की स्थिति ‘ सभा में बोल रहे थे. उन्होंने जवाहरलाल शहरी नवीकरण योजना के अंतर्गत बेघरों के लिए आश्रम का प्रावधान, बुनियादी सुविधाएं, स्वच्छ पेयजल आदि की जानकारी दी. सहयोग ट्रस्ट के सचिव सुजय कुमार ने बताया कि अब तक बेघरों को इस योजना के तहत आवास की सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी है. मौके पर रवींद्र नाथ राय, मोहन प्रसाद, अशोक कुमार व अजय कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.

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