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बिहार सूफी संतों की भूमि: नरेंद्र

पटना : योजना व विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने शुक्रवार को चार पुस्तकों ‘बिहार विभूति, बिहार की सूफी परंपरा, दी मेंकिंग ऑफ प्रोविंस : सेलेक्ट डेकोमेंट्स ऑन दी क्रियेशन ऑफ मॉडर्न बिहार 1874-1917 व सेलेक्ट डोकोमेंट ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चंपारण, 1917-1918’ का विमोचन किया. मौके पर बीपीएससी के सदस्य राजवर्धन शर्मा, डॉ […]

पटना : योजना विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने शुक्रवार को चार पुस्तकों बिहार विभूति, बिहार की सूफी परंपरा, दी मेंकिंग ऑफ प्रोविंस : सेलेक्ट डेकोमेंट्स ऑन दी क्रियेशन ऑफ मॉडर्न बिहार 1874-1917 सेलेक्ट डोकोमेंट ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चंपारण, 1917-1918का विमोचन किया.


मौके
पर बीपीएससी के सदस्य राजवर्धन शर्मा, डॉ राजेश्वर मिश्र, कैबिनेट विभाग के सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, प्रो निहार नंदन प्रसाद सिंह, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष निशा झा अभिलेखागार के निदेशक डॉ विजय कुमार भी मौजूद थे. मंत्री ने कहा कि बिहार आंदोलन सूफी संतों की भूमि रही है.

महात्मा गांधी ने देश में प्रथम सत्याग्रह का प्रयोग चंपारण में किया. चंपारण आंदोलन की जानकारी पुस्तक में विस्तार से दी गयी है. हमें अपनी विरासत से प्रेरणा लेनी चाहिए. उसे संरक्षित रखना चाहिए, जिससे शोध अन्वेषण का सिलसिला बाधित हो.

कैबिनेट विभाग के सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने कहा कि तीन वर्षो में बिहार राज्य अभिलेखागार द्वारा कई पुस्तकों का विमोचन किया गया. हिंदी में बिहार में सूफी परंपराका प्रकाशन प्रशंसनीय है. सरकार अभिलेखागार को समृद्ध करने के लिए काम कर रही है.

अभिलेख निदेशक डॉ विजय कुमार ने अभिलेखागार की गतिविधियों तथा प्रो निहार नंदन प्रसाद सिंह ने बिहार विभूति खंड पुस्तक के संबंध में जानकारी दी. श्री सिंह ने कहा कि पुस्तक के प्रथम खंड में 265 विभूतियों का जीवन परिचय दिया गया था. द्वितीय खंड में 269 विभूतियों का परिचय दिया गया है.

सैयद शाह शमीमुद्दीन मुनअमी डॉ कासिम खुर्शीद ने बिहार में सूफी परंपरा पुस्तक के बारे में जानकारी दी. डॉ अशोक अंशुमान, वरीय पत्रकार श्रीकांत डॉ अभय कुमार ने दी मेंकिंग ऑफ प्रोविंस : सेलेक्ट डेकोमेंट्स ऑन दी क्रियेशन ऑफ मॉडर्न बिहार 1874-1917 पुस्तक का परिचय कराया. प्रो रत्नेश्वर मिश्र ने सेलेक्ट डोकोमेंट ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चंपारण, 1917-1918 पुस्तक की जानकारी दी.

मौके पर डॉ बादशाह चौबे, डॉ चंद्रमोहन सिंह, एजाज अली अहमद, पो हाली, शफदर इमाम कादरी, तारा शरण सिन्हा, डॉ. नागेंद्र नाथ झा, राजेंद्र चौधरी, संजय कुमार खां, उदय कुमार ठाकुर डॉ मदन मिश्र मौजूद थे.

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