पटना: उत्तर अमेरिका की बिहार, झारखंड एसोसिएशन (बजाना) मैक्सलाइफ डायगनोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर (रामानंद हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की एक इकाई) और बबीता चैरिटी फाउंडेशन के साथ मिल कर रतन कैंसर जागरूकता माह का आयोजन चार मई से 13 जून तक किया जायेगा. इस दौरान हर दिन दस महिलाओं की मुफ्त मेमोग्राफी व काउंसेलिंग की जायेगी, ताकि महिलाएं स्तन कैंसर के प्रति जागरूक हो सकें. ये बातें गुरुवार को मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ संजीव कुमार ने प्रेस वार्ता में कहीं.
उन्होंने कहा कि समाज में स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी है, जिसके कारण इस बीमारी की पहचान अंतिम स्टेज में होती है, जहां से मरीज को ठीक करना बेहद मुश्किल होता है. डॉ संजीव ने बताया कि उनकी बहन बबीता स्तन कैंसर से पीड़ित थी और उनकी मौत 40 साल की उम्र में हो गयी, जिसके बाद हमने स्तन कैंसर के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना शुरू कर दिया, जिसकी एक कड़ी मेमोग्राफी है. बजाना के अध्यक्ष शशि शेखर सिन्हा ने कहा कि मेमोग्राफी जांच की परंपरा हमारे समाज में बिल्कुल नहीं है, जिससे हर साल हजारों महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं.
क्या है मेमोग्राफी जांच : मेमोग्राफी स्तर कैंसर ठीक करने का कोई इलाज नहीं हैं, लेकिन इसकी जांच से स्तर कैंसर की पहचान होती है. इसलिए 35 साल के बादवाली सभी महिलाओं को इसकी जांच करानी चाहिए. ऐसा करने से महिलाओं में होनेवाले स्तन कैंसर को प्रथम स्टेज में पकड़ा जा सकता है और उस स्टेज में इसका इलाज भी पूरी तरह से संभव है. वहीं कम उम्र में भी स्तन में किसी तरह का गांठ, निपल से रक्तयुक्त रिसाव, निपल का अंदर जाना या उभार होना, स्तन के बनावट में बदलाव का होना, स्तन पर गड्ढ़ा पड़ना या स्तन पर लालिमा का हो, तो तुरंत जांच कराएं.