पटना: बिहार राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के एक सेवानिवृत्त सहायक प्रबंधक को उनकी सेवानिवृत्ति के करीब साढ़े छह वर्ष बाद बिहार मानवाधिकार आयोग से न्याय मिला है. आयोग ने बिहार सरकार को उनकी बकाया पेंशन व सेवानिवृत्ति लाभ 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ एक माह में भुगतान करने का आदेश दिया है.
निर्मल कुमार सिन्हा 1 अगस्त, 2008 को झारखंड के गिरिडीह से सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें सेवाकाल में भी पुनरीक्षित वेतनमान नहीं दिया गया. जब उन्होंने इस संबंध में बिहार सरकार से फरियाद की तो उन्हें बताया गया कि वह झारखंड से सेवानिवृत्त हुए हैं, इसलिए उनके बकाये सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान झारखंड सरकार द्वारा किया जायेगा.
लेकिन, इस मामले में विवाद यह था कि बिहार राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम वर्ष 2011 के जनवरी तक बिहार सरकार के ही अधीन था और झारखंड के अलग होने के करीब 11 साल बाद भी निगम का बंटावारा इन दोनों राज्यों के बीच नहीं हो सका है. जबकि, यह निगमकर्मी निगम के बंटवारे से करीब तीन साल पहले ही सेवानिवृत्त हो चुका है. थक -हार कर सिन्हा ने वर्ष 2010 में आयोग में गुहार लगायी थी.