पटना: पहले आदत लगायी, अब हर बैंकिंग काम के लिए जेब काटने में लगे हैं अधिकतर बैंक. बैंक शाखाओं में अधिक भीड़ न हो, इसके लिए लोगों को एटीएम से पैसे निकासी करने की आदत लगायी गयी. अधिकतर बैंक खातों में एटीएम कम डेबिट कार्ड जारी किया जाने लगा.
अब जब लोग इसके आदी हो गये, तो बैंकों ने इससे भी पैसे वसूलने की राह निकाल ली. पहले एटीएम मेंटेनेंस और सुरक्षा के नाम पर चार्ज लगाया, फिर एसएमएस अलर्ट के नाम पर. बात यहीं पर नहीं रुकी. एटीएम से भी अधिक निकासी पर चार्ज लगा दिया. बैंकों ने अपने बैंक के एटीएम से पांच बार मुफ्त निकासी और अन्य बैंकों से भी पांच मुफ्त निकासी की अनुमति दी है. इसके बाद के ट्रांजेक्शन के लिए चार्ज लगा दिया है. इतना ही नहीं, कुछ बैंकों ने शाखा जाकर काम कराने पर भी चार्ज लगा दिया है. अधिक पैसे रखेंगे, तो ट्रांजेक्शन मुफ्त मिलेगा.
किस बैंक का क्या चार्ज
बैंक अपनी एटीएम से अन्य एटीएम से
एचडीएफसी पांच बार पांच बार
एक्सिस पांच बार पांच बार
भारतीय स्टेट बैंक पांच बार पांच बार
आइसीआइसीआइ पांच बार पांच बार
हर सेवा पर चार्ज
अपनी एटीएम और अन्य एटीएम से प्रति माह में पांच-पांच बार मुफ्त ट्रांजेक्शन की अनुमति है. जबकि इससे अधिक एटीएम से नकद निकासी करने पर 20 रुपये और 12.36 प्रतिशत सर्विस टैक्स यानी 22.47 रुपये और मिनी स्टेटमेंट, पिन चेंज आदि करने पर 8.50 रुपये और 12.36 प्रतिशत टैक्स यानी 9.55 रुपये लगेगा. जबकि भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए पांच बार से अधिक एटीएम का प्रयोग करने पर पांच रुपये और 12.36 प्रतिशत सर्विस टैक्स चार्ज किया है. आइसीआइसीआइ बैंक नया नियम जनवरी 2015 से लागू करेगा.
एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग आदि कार्यो के लिए चार्ज नहीं किया जाना चाहिए. यह कहीं से भी सही नहीं है. लोग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते. इससे बिजनेस भी प्रमोट होता.
नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री