कंचनबाला सुसाइड कांडप्रथम तदर्थ एडीजे के कोर्ट ने सुनाया फैसलाडुमरा कोर्ट. कंचनबाला सुसाइड कांड में मंगलवार को प्रथम तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो इरशाद अली ने मुख्य आरोपित वीरेंद्र साह व पूजा कुमारी को 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड की राशि नहीं चुकाने पर छह माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना पड़ेगा. अर्थदंड की कुल धनराशि का तीन चौथाई भाग मृतका के परिवार वालों को प्राप्त किया. सजा के बिंदु पर उभय पक्षों में से अपर लोक अभियोजक कॉमरेड नरेंद्र प्रसाद सिन्हा की ओर से प्रस्तुत तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायाधीश ने यह पाया कि दोषसिद्ध व्यक्तियों के विरुद्ध जो भी अपराध एवं दोष प्रमाणित हुआ है, वह सामाजिक अपराध की श्रेणी में आता है. इस प्रकृति के अपराध से आज पूरा समाज त्रस्त है. ऐसी हालत में ऐसी गंभीर प्रकृति के अपराध के मामले में दोषसिद्ध व्यक्तियों को दी जानेवाली सजा में कमी किये जाने की इनकी प्रार्थना अस्वीकार की जाती है. वहीं, न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान की धारा 120(बी) के अंतर्गत भी दोनों को दोषी पाया, पर उक्त धारा में अलग से सजा देना कोर्ट ने आवश्यक नहीं समझा है. ये है मामला :रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के हरसिंगपुर निवासी उदय कांत झा की पुत्री कंचनबाला ने 23 अगस्त, 2012 को डुमरा नगर पंचायत के वार्ड संख्या-पांच स्थित किराये के मकान में गले में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली थी. छात्रा कंचनबाला ने अपने सुसाइड नोट में पुलिस पर आरोपितों को मदद पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगाये थे. इस मामला ने इतना तूल पकड़ा कि कई संगठनों ने कंचनबाला को न्याय दिलाने के लिए आंदोलनात्मक रुख अख्तियार कर लिया था.
वीरेंद्र, पूजा को 10 साल सश्रम कारावास की सजा
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