फोटो जेपी देंगे – नियोकॉन सम्मेलन का समापन संवाददाता,पटनाहाइपोथर्मिया शरीर की वह स्थिति होती है जिसमें तापमान सबसे अधिक कम हो जाता है. शरीर का तापमान 35 सेल्सियस से कम हो जाता है. आज कल बीमारी के शिकार नवजात भी हो रहे हैं. असल में जब तक बच्चा मां के गर्भ में रहता है तब उसका तापमान कुछ और रहता है लेकिन पैदा होने के साथ ही वह बाहर के तापमान में आ जाता हैं. उक्त बातें रविवार को नियोकॉन सम्मेलन के समापन पर डॉ. मेहरबान सिंह ने कहीं. होटल मौर्या में आयोजित कार्यक्रम में डेलिगेट्स ने कई मुद्दों पर अपना विचार व्यक्त किया. डॉ सुनील मेहंदी ने कहा कि डिलिवरी केस में बच्चों को ठंड लगती है या वह निमोनिया का शिकार हो जाता है. अधिकतर प्रसव कक्ष का तापमान बच्चों के अनुरूप रखा जाता है या फिर बच्चा पैदा होने के साथ ही उसे गरम कपड़े में लपेट देना चाहिए. इस दौरान ऑल इंडिया लेवल पर क्विज का आयोजन किया गया. चार जोन में इस कंप्टीशन में एक जोन को प्रथम पुरस्कार दिया गया. आयोजन समिति के उत्पल कांत सिंह ने कहा कि 20 साल बाद इस तरह का आयोजन पटना में हुआ है,जो सराहनीय है. आयोजन से बिहार में नवजात शिशु मृत्यु दर में जहां कम होगी,वहीं आशा व एएनएम में जागरूकता भी आयेगी. वैज्ञानिक सत्र में विक्रम दत्ता,डॉ एनके अग्रवाल,एके जायसवाल व एनपी नारायण ने सभा को संबोधित किया.
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हाईपोथर्मिया के सबसे अधिक शिकार हो रहे नवजात,सं
फोटो जेपी देंगे – नियोकॉन सम्मेलन का समापन संवाददाता,पटनाहाइपोथर्मिया शरीर की वह स्थिति होती है जिसमें तापमान सबसे अधिक कम हो जाता है. शरीर का तापमान 35 सेल्सियस से कम हो जाता है. आज कल बीमारी के शिकार नवजात भी हो रहे हैं. असल में जब तक बच्चा मां के गर्भ में रहता है तब […]
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