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खटाल हटाओ, राजनीति से ऊपर है अदालत

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राजधानी से खटाल नहीं हट पाने पर एसएसपी जितेंद्र राणा को कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दबाव के आगे पुलिस खटाल हटाने से नहीं रुके. कोर्ट का दबाव बड़ा होता है. सरकारी जमीन पर और बिना लाइसेंस के शहर में एक भी खटाल नहीं होना चाहिए. न्यायमूर्ति […]

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राजधानी से खटाल नहीं हट पाने पर एसएसपी जितेंद्र राणा को कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दबाव के आगे पुलिस खटाल हटाने से नहीं रुके. कोर्ट का दबाव बड़ा होता है. सरकारी जमीन पर और बिना लाइसेंस के शहर में एक भी खटाल नहीं होना चाहिए. न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व एके त्रिवेदी के खंडपीठ ने शुक्रवार को खटाल मामले में दायर लोकहित याचिका की सुनवाई की.
कोर्ट ने कहा, मनु महाराज गये और आप आये, तो लगा कि ऐसा काम करेंगे, जिससे जनता खुश हो जायेगी. लेकिन, मिस्टर राणा यह दुर्भाग्य है. कोर्ट ने कहा, हम जानते हैं कि आप राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं. आप राजनीतिक दबाव को भूल जाइए, कोर्ट के सामने कोई दबाव काम नहीं करेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि आपको कहा गया था कि प्रत्येक महीने की क्राइम मीटिंग की रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध कराइए. क्राइम मीटिंग में खटाल हटाने की प्रगति की समीक्षा के निर्देश दिये गये थे. लेकिन, आपने अब तक यह रिपोर्ट नहीं दी.
हम लोगों ने अध्ययन कर पाया कि जिन इलाके से खटाल हटाया गया था, वहां फिर से लग गया. आप एसएचओ को क्यों नहीं सस्पेंड करते? न्यायाधीश ने कहा, आप डीएसपी को भी हटाने में सक्षम हैं. लेकिन, क्यों नहीं कर रहे? सुनवाई के दौरान दर्जनों वकीलों ने कोर्ट को विभिन्न इलाकों में खटाल दोबारा लगने की जानकारी दी. इस पर कोर्ट ने सभी वकीलों के आवेदन को तत्काल एसएसपी को देने को कहा. साथ ही एसएसपी को शुक्रवार तक यह बताने को कहा कि इन आवेदनों पर क्या निर्णय लिया गया. कोर्ट ने एसएसपी से कहा कि निजी जमीन पर खटाल हटाने के पुलिस के दावे भी झूठे साबित हुए. कंकड़बाग इलाके के एक याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने अपनी जमीन पर से खटाल हटा दिया है.
इस पर कोर्ट ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि कंकड़बाग इलाके में निजी जमीन कहां से आ गयी. इस बीच कुछ खटाल संचालकों ने कोर्ट को बताया कि उनके आवेदन पर अब तक नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है. निजी जमीन पर बने खटाल को भी हटा दिया गया है. कोर्ट ने नगर निगम के आयुक्त को कहा कि आपके समक्ष 52 लोगों ने निजी जमीन में खटाल चलाने के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया है. न्यायाधीश ने आवेदनकर्ताओं की कागजात जांचने और कागजात सही पाये जाने पर तीन सप्ताह के भीतर लाइसेंस आवंटित करने के निर्देश दिये. इस पूरे मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद होगी.

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