पटना: कालिंदी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी सह बिल्डर शैलेश कुमार सिंह की हत्या सुपारी किलरों ने की है. ये पुराने हैं और पहले भी सुपारी लेकर कइयों की हत्या कर चुके हैं. राजधानी में सक्रिय दर्जनभर सुपारी किलरों की सूची पुलिस ने बनायी है. इनकी तलाश भी जोर-शोर से की जा रही है. इनमें से एक बड़ा नाम हैं दुर्गेश शर्मा का.
दुर्गेश पहले भी सुपारी लेकर कइयों को मौत के घाट उतार चुका है. अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसे सुल्तान मियां का सपोर्ट मिला. सुल्तान मियां के साथ रह कर भी उसने राजधानी में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था. कुंदन कृष्णन जब पटना के एसएसपी थे, उनके डर से दुर्गेश पटना छोड़ कर भाग खड़ा हुआ था. काफी समय तक वह भूमिगत रहा, लेकिन इन दिनों फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शैलेश हत्याकांड में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं. जल्द ही हत्यारे गिरफ्त में होंगे. वहीं पुलिस अब तक एक भी नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं की है.
जल्द होगी गिरफ्तारी
पुलिस का मानना है कि पहले मामले का खुलासा हो जाये, उसके बाद जिसने भी सुपारी देकर शैलेश की हत्या करवायी, उन्हें शीघ्र ही पकड़ लिया जायेगा. घटना के बाद शैलेश की पत्नी अंजू ने पूर्व पार्टनर राकेश कुमार की पत्नी संरक्षिता , उसके देवर प्रवीण के साथ ही पूर्व कर्मचारी धर्मदेव पांडेय को नामजद अभियुक्त बनाते हुए मामला दर्ज कराया था. जिस वेयर हाउस की निर्माण के दौरान जीरो माइल के समीप शैलेश की हत्या हुई, उसके प्लॉट को लेकर संरक्षिता का विवाद शैलेश से चल रहा था. 36 कट्टे के इस प्लॉट को मृतक राकेश कुमार ने ही शैलेश का दिलवाया था. राकेश की भी हत्या ठीक इसी तरीके से 10 मार्च, 2011 को आलमंगज थाने के बजरंगपुरी में कर दी गयी थी. दोनों हत्याओं में काफी समानता है.
मूल रूप से मुंगेर के रहनेवाले शैलेश अपनी मेहनत के बल पर काफी कम समय में ही कंस्ट्रक्शन की दुनिया में काफी प्रगति की थी. बुधवार की सुबह वे अपने ड्राइवर सिकंदर के साथ स्कॉर्पियो से जीरो माइल स्थित साइट पर गये थे. साइट पर बैठ कर वह काम का जायजा ले रहे थे तभी तीन-चार की संख्या में अपराधी आये और गोलियों से उन्हें भून डाला. वहीं, इस मामले में एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि पुलिस कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही है. सुपारी किलरों की भी तलाश जारी है.