पटना: लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बहुमत का जुगाड़ करने के बाद भाजपा से अलग हुए. अगर सौ से कम विधायक उनके होते, तो किसी हाल में भाजपा को नहीं छोड़ते. वे अंगुली कटा कर शहीद बन रहे हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही आपत्ति थी, तो गुजरात दंगा के बाद 2002 में ही एनडीए से अलग क्यों नहीं हुए.
उस समय वे मोदी की ढाल बन गये थे. अचानक उनमें मुसलिम प्रेम जग गया व सेकुलर का मुखौटा पहन लिये. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में श्री पासवान ने कहा कि बिहार में गंठबंधन को लेकर कांग्रेस के अंतिम निर्णय तक कुछ नहीं कहेंगे. लेकिन, इतना तय है कि जदयू के साथ तालमेल लोजपा को मंजूर नहीं होगा.
जदयू-कांग्रेस चुनाव में साथ आते हैं, तो वे इनके विरोध में खड़ा होंगे. राजद को लोजपा नहीं छोड़ेगी. उन्होंने बगहा पुलिस फायरिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया व कहा कि राज्य की सत्ता निरंकुश हो गयी है. इस घटना की न्यायिक जांच कार्यरत न्यायाधीश से कराने, दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा करने व मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की लोजपा की मांग है.
चिराग पासवान व पार्टी के अन्य नेता 29 जून को बगहा जायेंगे व उक्त घटना की जांच कर पार्टी को रिपोर्ट सौपेंगे. उत्तराखंड घटना पर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, रामचंद्र पासवान, चिराग पासवान, सत्यानंद शर्मा, राघवेंद्र सिंह कुशवाहा आदि नेता उपस्थित थे.