पटना: बच्चे देश के भविष्य हैं. नवजात शिशुओं की जिंदगी को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. ये बातें शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल ने शनिवार को यूनिसेफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता की 25वीं वर्षगांठ व राष्ट्रीय नवजात सप्ताह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा कि अगर सही देखभाल की जाये, तो 90 प्रतिशत बच्चों की मौत रोकी जा सकती है.
उन्होंने बिहार में खाली पड़े 700 से अधिक डॉक्टरों व नर्सो के पदों पर बहाली के लिए उच्चस्तर पर बात करने की बात कही. नवजात शिशु फोरम के राष्ट्रीय सचिव डॉ विक्रम दत्ता ने कहा कि बिहार में डॉक्टरों व नर्सो की कमी के कारण बच्चों की मौत हो रही है. अगर सात हजार पद भर जायें, तो नवजात शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आ जायेगी.
पटना सहित पूरे बिहार में हर साल 80 हजार शिशुओं की मृत्यु सही देखभाल नहीं होने से हो रही है. डॉ सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि अगर मां स्वस्थ होगी, तो बच्च भी दुरुस्त होगा. नवजात शिशुओं को स्तनपान और समय पर टीकाकरण करा कर स्वास्थ्य रखा जा सकता है. महावीर वात्सल्य अस्पताल की करीब 70 नर्सो को दिल्ली से आये डॉक्टरों ने ट्रेनिंग दी. कार्यक्रम में ‘स्टेट ऑफ इंडिया न्यू बॉर्न 2014’ का विमोचन भी किया गया.