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मौलवी व फोकानिया परीक्षा में धांधली की जांच का आदेश

गड़बड़ी मिली, तो वर्ष 2013 की परीक्षा के परिणाम होंगे रद्दसंवाददाता, पटनापटना हाइकोर्ट ने मौलवी और फोकानिया की परीक्षा में बडे़ पैमाने पर हुई धांधली की जांच दो माह के अंदर कराने और उसे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जांच में इन परीक्षाओं में हुई […]

गड़बड़ी मिली, तो वर्ष 2013 की परीक्षा के परिणाम होंगे रद्दसंवाददाता, पटनापटना हाइकोर्ट ने मौलवी और फोकानिया की परीक्षा में बडे़ पैमाने पर हुई धांधली की जांच दो माह के अंदर कराने और उसे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जांच में इन परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी का मामला स्पष्ट होता है, तो वर्ष 2013 की मौलवी व फोकानिया के परीक्षा परिणाम को रद्द कर दिया जायेगा. हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन को यह भी निर्देश दिया है कि वे मदरसा बोर्ड में हुई वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच कराएं. डॉ अंजुम हाशमी द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने कहा कि मदरसा बोर्ड में कोई सिस्टम काम नहीं कर रहा है. जब दोनों न्यायाधीशों के समक्ष वर्ष 2013 की छह-सात उत्तर पुस्तिकाओं को पेश किया गया, तो पाया गया कि ये सभी उत्तर पुस्तिकाएं तकरीबन रिक्त थीं, लेकिन 62 से 65 अंक बिठाये गये थे. हाइकोर्ट ने इसे बड़ी लापरवाही माना है. याचिकाकर्ता डॉ हाशमी ने मदरसा बोर्ड के चेयरमैन पर वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया है. इस मामले में हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भी तलब किया था. याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने बताया कि बोर्ड के अध्यक्ष अध्यक्ष का मासिक मानदेय महज साढे़ सात हजार रुपये है, जबकि ये हर महीने 85 हजार रुपये उठा रहे हैं. कोर्ट ने इसकी भी जांच के आदेश दिये हैं.

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