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आउटर पर ही थम रही रफ्तार

पटना: रेलवे बोर्ड ने पटना सहित प्रदेश भर में ट्रेनें तो बढ़ा दीं, लेकिन पटना जंकशन, राजेंद्र नगर टर्मिनल ट्रेनों की लेट लतीफी जारी है. यही नहीं, अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित नहीं किया गया है. ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे के कई रूट 30 प्रतिशत तक चॉक हो गये हैं और ट्रैक खाली होने के […]

पटना: रेलवे बोर्ड ने पटना सहित प्रदेश भर में ट्रेनें तो बढ़ा दीं, लेकिन पटना जंकशन, राजेंद्र नगर टर्मिनल ट्रेनों की लेट लतीफी जारी है.

यही नहीं, अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित नहीं किया गया है. ऐसे में पूर्व मध्य रेलवे के कई रूट 30 प्रतिशत तक चॉक हो गये हैं और ट्रैक खाली होने के इंतजार में ट्रेनें आउटर पर खड़ी रहती हैं. मालूम हो कि इन दिनों छठ पर्व को लेकर स्पेशल सहित कई ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. इन कारणों से क्षमता से अधिक ट्रेनें चलने से ट्रेनों का आउटर पर खड़ा होना आम बात हो गयी है. इससे जंकशन पर ट्रेनों के परिचालन का प्रबंधन बिगड़ गया है.

ट्रेनों की संख्या व यात्रियों का बढ़ता दबाव की वजह से पटना जंकशन का कोई भी प्लेटफॉर्म खाली नहीं मिल रहा है. सही तरीके से एक घंटे में 10 ट्रेनों को किसी भी जंकशन से संचालित किया जा सकता है, लेकिन पटना जंकशन से उस अनुपात में 14 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. यही वजह है कि जंकशन के आउटर पर सुबह, शाम, दोपहर और रात में ट्रेनों का रोका जाना आम बात हो गयी है. आउटर पर ठहरने वाली गाड़ियों में पैसेंजर, सुपर फास्ट, एक्सप्रेस और स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं.

वारदात होने की रहती है आशंका

आउटर पर ट्रेनों के खड़े रहने से वारदात होने की आशंका ज्यादा रहती है. इस मसले पर जीआरपी प्रभारी संजय पांडे कहते हैं कि रेलवे के साथ हुई बैठक में कई बार ट्रेनों को आउटर पर खड़ी नहीं होने का सुझाव दिया गया था. आउटर पर ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ने पर आपराधिक घटनाओं वारदातों का खतरा अधिक रहता है. दरअसल ट्रेनों की रफ्तार धीमी होते ही बदमाश ट्रेनों में घुस कर घटना को अंजाम देते हैं या बाहर से खिड़की या गेट पर खड़े लोगों के बैग छीन कर फरार हो जाते हैं. गौरतलब है कि पूर्व मध्य रेल में पिछले तीन महीनों में ट्रेनों में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है और इनमें कई मामलों में आउटर पर ट्रेनों की रफ्तार स्लो होने पर अपराधियों ने लूटपाट की है.

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