पटना: डेंगू के डंक से जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग परेशान है, वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जेइ जांच के लिए 14 सैंपल लाये गये. इनमें से एक रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. पीड़ित बच्च नवादा का रहनेवाला है, जिसका इलाज पीएमसीएच के शिशु विभाग में हो रहा है.
अभी तक पटना सहित आसपास से जांच के लिए पीएमसीएच पहुंचे सैंपल में से 53 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. इनमें से छह मरीज पीएमसीएच में भरती हैं.
बाकी मरीज राजधानी के विभिन्न इलाकों के निजी अस्पतालों में भरती हैं. इनमें से कई लोग स्वस्थ होकर अपने घर चले गये हैं. जिला स्वास्थ्य समिति के मुताबिक डेंगू को लेकर राजधानी में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और किसी तरह का लक्षण मिलने पर चिकित्सकों की टीम तुरंत वहां पहुंच कर बीमार व्यक्ति की जांच करती है.
डेंगू वार्ड में अभी छह मरीज भरती हैं. इनके अलावा परिसर में हुए जांच में 53 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. वहीं शुक्रवार को एक जेइ पॉजिटिव मिला है.
– डॉ सुधांशु सिंह, उपाधीक्षक
लक्षणों को पहचान कर बिना देर उपचार करवाएं
डेंगू वायरस के कारण होता है और इसका उपचार किसी एक तरह से संभव नहीं हैं. डेंगू का उपचार उसके लक्षणों को देखते हुए किया जाता है. ऐसे में में जरूरी है कि इन लक्षणों को पहचान कर व्यक्ति बिना देर किये चिकित्सक से मिले और उसका उपचार करवाएं. इस दौरान मरीज अधिक से अधिक पानी पीएं व पेय पदार्थ लें. मरीजों को आराम करना भी जरूरी है. डेंगू के उपचार में देरी होने पर यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर का रूप ले लेता है. डीएचएफ की आशंका दस साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा होती है. इसमें उन्हें तेज पेट दर्द, ब्लीडिंग जैसी समस्याएं हो सकती है.
– डॉ आरए शकुर, फिजिशियन