पटना: राजधानीवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने में देरी हुई, तो इसका खामियाजा पटना नगर निगम और सरकार के दूसरे विभागों को भुगतना होगा. पटना हाइकोर्ट ने सोमवार को नगर विकास विभाग के सचिव, भवन निर्माण विभाग के सचिव व पटना नगर निगम के आयुक्त को नोटिस जारी किया है.
न्यायाधीश नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने सोमवार को अवमानना के एक मामले में यह नोटिस जारी किया है. सभी अधिकारियों को 19 जुलाई को सदेह उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. साथ ही यह भी बताने के लिए कहा कि किन परिस्थितियों में गर्दनीबाग इलाके में पानी की व्यवस्था नहीं हो पायी और अदालती आदेश का पालन नहीं किया गया.
नसीब लाल राय की लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अदालत के एकल पीठ द्वारा जारी आदेश का अनुपालन नहीं करने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था. अदालत ने बिहार राज्य जल पर्षद के प्रबंध निदेशक पटना जल पर्षद के मुख्य अभियंता को भी नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार के अधिकारी बोरिंग लगाने में 10 दिनों का समय बता रहे हैं, जबकि इससे कम समय में भी बोरिंग हो सकती है.