बिहारशरीफ: भाजपा के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर लंबे दिनों चले आ रहे खींचतान के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि यदि उसूलों से समझौता करने की स्थिति आयी तो वे गद्दी छोड़ देंगे लेकिन उसूलों से समझौता नहीं करेंगे.
नालंदा जिला के राजगीर कन्वेशन हॉल में जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि यदि उसूलों से समझौता करने की स्थिति आयी तो वे गद्दी छोड़ देंगे लेकिन उसूलों से समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि मूलभूत सिद्धांतों को लेकर उनकी पार्टी जदयू की राजनीतिक लकीर स्पष्ट है.
हिंदू, बौद्ध, जैन धर्म के संतों और सूफियों की तपोस्थली राजगीर में आज दार्शनिक अंदाज में भाषण देते हुए नीतीश ने कहा कि जीवन का कोई ठिकाना नहीं है इसलिए कुर्सी की क्या परवाह. दुनिया में मौत से बड़ी कोई सच्चाई नहीं, यही सबसे बड़ा सत्य है इसलिए वह हमेशा कुर्बानी देने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि वह गद्दी पर बैठे रहें और समाज जलता रहे, उन्हें यह कतई बर्दाश्त नहीं. प्रदेश के पूर्ववर्ती राजद शासन काल के दौरान समाज में व्याप्त तनाव और अपने कार्यकाल के दौरान अमन-चैन और सामाजिक सदभाव कायम होने का दावा करते हुए नीतीश ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी गलतियों के लिए जनता के सामने माफी मांगने और उठक-बैठक करने तैयार हैं पर प्रदेश की जनता उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं देने वाली.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का बिना नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा कि एक-दो बेरोजगार हो गये हैं और जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.
प्रदेश की पूर्ववर्ती राजद सरकार पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि आज लाठी में तेल पिलाने का वक्त नहीं रहा बल्कि आज तालिम हासिल करने का समय है.उन्होंने अल्पसंख्यकों से तालिम के महत्व को समझने पर जोर दिया और उन्हें अपने बच्चों को बिना लिंग भेदभाव के तालिम देने का आग्रह किया.केंद्र में सत्तासीन कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि यह सरकार कभी भी चुनाव की स्थिति पैदा कर सकती है इसलिए जदयू कार्यकर्ता हर वक्त चुनाव के लिए तैयार रहें.
उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने एवं विशेष राज्य के दर्जे के मुददे को लेकर जदयू द्वारा चलाए गए अभियानों और अधिकार रैली को सफल बनाने के लिए अल्पसंख्यकों की भूमिका पर प्रसन्नता जतायी और उनकी प्रशंसा की. नीतीश ने अल्पसंख्यकों से एकजुट रहने तथा किसी प्रकार से गुमराह नहीं होने का आहवान किया. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलकर रहेगा. हमारे संघर्ष व जनआंदोलन बेकार नहीं जाएंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार हमारी बातों को सुनेगी और अगर नहीं सुनी तो 2014 के चुनाव के बाद हम अपनी ताकत के बल पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलायेंगे.उन्होंने बिहार के लोगों को मेहनती बताते हुए कहा कि वह किसी पर बोझ नहीं बन सकते. वे तो बोझ उठाने वाले हैं. मुंबई और दिल्ली कि आर्थिक व्यवस्था हम बिहारियों पर ही टिकी है.
शिविर को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी,
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुलाह सलाम ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री परवीण अमानुल्लाह, सांसद मोनाजिर हसन और बिहार विधानसभा में जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार सहित कई स्थानीय विधायक उपस्थित थे.