पटना: गरमी में शहरवासियों को जल संकट की समस्या से निजात दिलाने के लिए निगम प्रशासन ने वार्ड स्तर पर दो-दो चापाकल लगाने की योजना बनायी. निगम बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से योजना स्वीकृति हो गयी. गरमी आ गयी, लेकिन अब तक वार्डो में चापाकल लगाने की योजना धरातल पर नहीं उतरी है.
ठेकेदार नहीं लेते टेंडर
पिछले वर्ष वार्ड स्तर पर तीन-तीन चापाकल लगाने की योजना बनायी गयी. इस योजना के तहत टेंडर भी निकाला गया, लेकिन किसी ठेकेदार ने टेंडर नहीं लिया. इस कारण था कि एक चापाकल की लागत कम निर्धारित की गयी थी. चालू वित्तीय वर्ष में वार्ड स्तर पर दो-दो चापाकल लगाने की योजना बनायी गयी, इस योजना को अप्रैल तक पूरा कर लेना था. इसके बावजूद किसी वार्ड में चापाकल नहीं लग सका. निगम में काम पूरा हो जाने के बाद भी ठेकेदारों को समय से टेंडर का भुगतान नहीं किया जाता है.
योजनाओं में लगता है समय
वर्तमान में आलम यह है कि निगम से निकलनेवाला कोई भी टेंडर ठेकेदार नहीं लेते है. इससे निगम प्रशासन की कोई योजना पूरा नहीं हो रही है. चाहे स्ट्रीट लाइट लगानी हो या फिर मैनहोल व कैचपीट ढंकने की योजना. यही वजह है कि निगम प्रशासन नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने में पीछे है.