पटना सिटी : विस्फोटक अधिनियम की अनदेखी कर आतिशबाजी के सजे बाजार में प्रशासन की सख्ती के कारण चार दिनों से दुकानें के शटर गिरे है. स्थिति यह है कि जिन नौ दुकानों को प्रशासन ने सील किया था.
उसका भी अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है. ऐसे में आतिशबाजी के बाजार में करीब 20 करोड़ रुपये की पूंजी फंस गयी है. कर्ज लेकर मौसमी कारोबार करनेवाले व्यापारियों की स्थिति यह है कि वो अपनी पूंजी कैसे निकालेंगे. इतना ही नहीं दुकानों के बंद रहने की स्थिति में काम करनेवाले श्रमिक भी चार दिनों से बेरोजगार बैठे है. इधर मंडी में खरीदारी के लिए आनेवाले खरीदार भी निराश लौट रहे है.
कर्ज लेकर किया कारोबार : मौसमी कारोबार करनेवाले पटाखा के कारोबारियों ने बताया कि कर्ज लेकर कारोबार किया था, इस उम्मीद से कि बिक्री के बाद रुपये वापस लौटा देंगे. प्रशासन की सख्ती के कारण चार दिनों से दुकानों के शटर गिरे है. खरीदारी के लिए आ रहे खरीदार भी मंडी का चक्कर लगा कर वापस लौट जा रहे है. कर्ज लेकर कारोबार कर रहे शमीम, सोनू व अख्तर, बबलू समेत अन्य ने बताया कि इतना हीं नहीं दुकानों में दैनिक मजदूरी पर श्रमिकों को भी रखा है.
उनको भी चार दिनों से पैसा नहीं दे पा रहे है. दुकानदारों का कहना है कि हर वर्ष प्रशासन की ओर से दीपावली तक कारोबार करने की अनुमति अस्थायी लाइसेंस चालान जमा करा कर देती थी, लेकिन इस दफा ऐसा नहीं हुआ है.