पटना : नरेंद्र मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किए जाने को लेकर राजग में हो रहे कोलाहल के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनकी पार्टी गंठबंधन के हालिया घटनाक्रम से चिंतित है लेकिन गंठजोड़ के संबंध में कोई फैसला जदयू में विचार विमर्श के बाद ही लिया जाएगा.
कुमार ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के मुख्यमंत्रियों के संपर्क में हैं लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि क्षेत्रीय दलों द्वारा कोई संघीय मोर्चा बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी तथा पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह ने उनसे बातचीत की और गठबंधन से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श किया. कुमार ने कहा, आडवाणी ने कुछ मुद्दों पर विचार विमर्श किया और कुछ बातें कहीं. हम उन पर अपनी बैठक में चर्चा करेंगे.
हम उन बातों का संज्ञान लेंगे…हम सभी मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे. उसके पहले कुछ भी कहना मेरे लिए उचित नहीं होगा. सेवा यात्रा के तहत कटिहार रवाना हो रहे कुमार ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, लेकिन हम पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से चिंतित हैं.कुमार ने संकेत दिया कि विशेष दर्जा और केंद्रीय कोष के संबंध में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और झारखंड की कुछ समस्याएं एक समान हैं और इससे उन्हें अपनी मांगों पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी.हालांकि उन्होंने जदयू, बीजद और तृणमूल कांग्रेस के बीच किसी राजनीतिक गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया.
कुमार ने कहा, ममता बनर्जी ने मुझसे फोन पर बात की और उनकी राय है कि बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड की कुछ समस्याएं एक समान हैं और हमें उन पर एक साथ सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, अगर हम सब एक साथ समस्याओं को समझते हैं और एक साझा मोर्चा बनाते हैं तो अच्छा होगा. यह शुरुआती चरण में है और यह अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए कि राजनीतिक मोर्चा का गठन हो गया है. कुमार ने पहले संकेत दिया था कि मोदी की नियुक्ति के बाद उनकी पार्टी के राजग में बने रहना कठिन होगा. उन्होंने कहा कि जदयू तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है. उन्होंने कहा, हम आडवाणी, राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी के साथ विचार विमर्श सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और उचित फैसला करेंगे.