पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि पीएमसीएच के दवा घोटाले के आरोपितों को निगरानी के माध्यम से बचाने की कोशिश की गयी है. उन्होंने वर्ष 2008-09 व 09-10 में किडनी विभाग में खपत से अधिक दवाओं की खरीद और अधिकतम मूल्य से अधिक कीमत पर खरीद के कारण राज्य को 12 करोड़ 63 लाख रुपये की क्षति हुई.
इस मामले में 25 सितंबर, 2013 को निगरानी ने पीएमसीएच के तत्कालीन अधीक्षक डॉ ओमप्रकाश चौधरी सहित 15 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की. निगरानी को इसकी जांच का जिम्मा 29 जुलाई, 2011 को सौंपा गया. उन्होंने कहा कि दो साल बाद निगरानी ने एफआइआर दर्ज की और इसके एक साल बाद आरोपपत्र दाखिल किया. मोदी ने पत्रकारों से कहा कि डॉ चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वस्त जदयू के विधान परिषद सदस्य के बहनोई हैं. इसलिए निगरानी जांच को तीन साल खींचा गया. उन्होंने कहा कि दवा घोटाले से संबंधित नीतीश कुमार के पत्र का मैंने जवाब दिया, पर उन्होंने अब तक मेरे पत्र का जवाब नहीं दिया है.