पटना : दुनिया में अहिंसा के संदेश को प्रचारित करने में भारत का स्थान अग्रणी रहा है. पड़ोसी देश नेपाल के गधीमई उत्सव में बड़ी संख्या में पशुओं की बलि दी जाती है. यह हमारे देश के मूल्यों पर भी आघात है. उक्त बातें आर्य समाज की विश्व परिषद के अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश ने मंगलवार को कहीं.
उन्होंने पशुओं की बलि देने की बर्बर प्रथा को बंद करने का अनुरोध किया. अग्निवेश पशु वध को बंद करने के लिए ‘ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल तथा एनिमल वेलफेयर नेटवर्क’ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने सदियों पुरानी परंपरा की आलोचना करते हुए प्रथा का बहिष्कार करने के लिए सामूहिक समर्थन का आह्वान किया.
इस पर्व में पशुओं को दुखदायी स्थिति में गाड़ियों में लाया जाता है. अक्सर बलि से पहले दो-तीन दिनों तक उन्हें खाना-पीना नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि मैं भक्तों से इस तथाकथित सांस्कृतिक कार्यक्रम का पुरजोर विरोध करने का निवेदन करता हूं. ह्यूमेन सोसाइटी के प्रबंध निदेशक एनजी जयसिम्हा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 51 ए (जी) के अंतर्गत प्राकृतिक संपदा के संरक्षण का मौलिक अधिकार हर नागरिक का है.
एक महीने तक चलने वाले हिंदू पर्व का अयोजन हर पांच वर्ष पर दक्षिणी नेपाल के बरियारपुर स्थित गधीमई मंदिर में किया जाता है. इस साल नवंबर के अंत में आयोजित होने जा रहे पर्व में करीब पांच लाख पशुओं के बलि देने की आशंका है. भारत से भी बड़ी संख्या में अवैध रूप से पशु भेजे जाते हैं.