पीआरडीए की जमीन से अतिक्रमण हटाने गयी टीम उलटे पांव लौटी
पटना : पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (विघटित) के एसके पुरी स्थित भूखंड (संख्या-224ए) एस शौकत इमाम के नाम से आवंटित किया गया था, लेकिन आवंटी को कब्जा नहीं मिला. आवंटी की पत्नी जोहरा अहमद ने हाइकोर्ट से भी मुकदमा जीत लिया, लेकिन निगम प्रशासन उन्हें भूखंड उपलब्ध नहीं करा सका. इस भूखंड पर करीब सौ परिवार झोंपड़ियां बना कर रह रहे हैं. इनकी आबादी करीब पांच सौ है.
हाइकोर्ट में चल रहे अवमानना वाद के निष्पादन को लेकर मंगलवार को निगम के कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार सिंह के नेतृत्व में दिन के डेढ़ बजे अतिक्रमण हटाने टीम पहुंची. टीम के साथ में करीब 50 पुलिस बल और मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे, लेकिन डेढ़ घंटा मशक्कत के बाद टीम लौट गयी. कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार सिंह अपने दल-बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचे, तो सैकड़ों महिला-पुरुष विरोध में उतर गये. अतिक्रमणकारियों के विरोध के सामने जिला प्रशासन के मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश पोद्दार या कार्यपालक अभियंता की कुछ नहीं चली.
ये अधिकारी सिर्फ माहौल देखते रहे. झोंपड़ी में रहनेवाली सीता देवी कहती है कि 40-50 वर्षो से रह रहे हैं. यही के पता पर बिजली कनेक्शन, राशन कार्ड और आधार कार्ड बना है.
अगर सरकारी जमीन थी, तो बिजली कनेक्शन और राशन कार्ड क्यों दिया गया. इतना ही नहीं, बिना कोई नोटिस दिये झोंपड़ी उजाड़ने चले आये. शिवशंकर सहनी कहते हैं कि हम किसी कीमत में झोंपड़ी से हटनेवाले नहीं हैं. सरकार को लगता है कि हम अवैध रह रहे हैं, तो आवंटन कर दे. हम किस्त पर राशि देने के लिए तैयार हैं, लेकिन झोंपड़ी खाली नहीं करेंगे.