पटना : घरेलू मीटर चार्ज 40 से 49 रुपये करने सहित अन्य फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी के बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के प्रस्ताव का उपभोक्ताओं ने विरोध किया है.
मीटर किराया खत्म करने सहित अन्य सुझाव बिहार विद्युत विनियामक आयोग को शुक्रवार को टैरिफ पिटीशन पर जनसुनवाई के दौरान दिया है. आयोग इन प्रस्तावों और सुझावों पर 20 मार्च तक अपना निर्णय देगा. बिजली कंपनियों ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए डीएस-1 ग्रामीण मीटर पर फिक्स चार्ज प्रति किलोवाट प्रतिमाह 20 रुपये से 24 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. डीएस-2 शहरी और डीएस-3 पर फिक्स चार्ज 40 रुपये था, बढ़ाकर 49 करने का प्रस्ताव है. एनडीएस-1 का फिक्स चार्ज 30 से 36 और एनडीएस-2 का 100 से 122 रुपये और 180 से 219 रुपये करने का प्रस्ताव है.
आइएएस-1 में बिना मीटर वाले निजी ट्यूबवेल का फिक्स चार्ज प्रति एचपी प्रतिमाह 800 से बढ़ा कर 972 रुपये और आएएस-1 मीटर वाले निजी ट्यूबवेल का फिक्स चार्ज 30 से 36 करने का प्रस्ताव है. बिजली कंपनियों ने घरेलू कुटीर ज्योति योजना में मीटर सहित फिक्स चार्ज 350 से बढ़ा कर 425 रुपये करने का प्रस्ताव है. मीटर का फिक्स चार्ज 10 से 12 रुपये, डीएस-1 ग्रामीण मीटर सहित का फिक्स चार्ज 500 रुपये से 608 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है.
निजी ट्यूबवेल के मीटर चार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
आइएएस-2 में मीटर वाले निजी ट्यूबवेल का फिक्स चार्ज प्रति एचपी प्रतिमाह 200 रुपये से बढ़ाकर 243 रुपये करने का प्रस्ताव है. मीटर लगी स्ट्रीट लाइट सेवा का फिक्स चार्ज प्रति किलोवाट प्रतिमाह 50 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये करने का प्रस्ताव है. वहीं बिना मीटर वाली स्ट्रीट लाइट सेवा का फिक्स चार्ज प्रति किलोवाट प्रतिमाह 3750 रुपये से 4556 रुपये करने का प्रस्ताव है.
उपभोक्ताओं ने की मांग : जनसुनवाई के दौरान मौजूद उपभोक्ता डोमन
सिंह ने बिजली दर कम करने की मांग की. वहीं प्रमोद कुमार शर्मा ने बिजली संबंधी शिकायतों के जल्द निराकरण की मांग की. रंधीर कुमार ने मीटर रेंट
खत्म करने का सुझाव दिया. प्रदीप मेहता ने समय पर मीटर रीडिंग करवाने का सुझाव दिया.
जन सुनवाई के दौरान ये रहे मौजूद
जनसुनवाई बिहार विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन शक्ति कुमार नेगी की अध्यक्षता में पटना के विद्युत भवन-2 के बीइआरसी कोर्ट रूम में हुई. इस दौरान आयोग के सचिव रामेश्वर प्रसाद दास, सदस्य राजीव अमित, आरके चौधरी, आयोग के उपसचिव लक्ष्मण भगत सहित बिजली कंपनियों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी व इंजीनियर शामिल रहे.