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पटना : जू में पहली बार आयेगा ग्रीन एनाकोंडा, संजय गांधी जैविक उद्यान से आठ घड़ियाल जायेंगे वापस
पटना : संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में इस साल दर्शकों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा. क्योंकि, सेंट्रल जू ऑथोरिटी के आदेशानुसार यहां पहली बार एक साथ तीन ग्रीन एनाकोंडा को लाया जायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. इसके लिए सांप घर के बगल में ही एक अलग केज बनाया जायेगा. संजय […]
पटना : संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में इस साल दर्शकों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा. क्योंकि, सेंट्रल जू ऑथोरिटी के आदेशानुसार यहां पहली बार एक साथ तीन ग्रीन एनाकोंडा को लाया जायेगा.
इसकी तैयारी चल रही है. इसके लिए सांप घर के बगल में ही एक अलग केज बनाया जायेगा. संजय गांधी जैविक उद्यान के अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान के तहत जू में एक साथ तीन प्रजाति के जानवर लाये जा रहे हैं, जिसमें तीन ग्रीन एनाकोंडा, तीन डबल हॉर्न राइनो व तीन नाइल क्रोकोडाइल अफ्रीका से मंगाये जायेंगे. इसके अलावा पटना जू से आठ घड़ियाल वापस जायेंगे. इसकी प्रक्रिया भी पूरी की जा रही है.
नाइल क्रोकोडाइल भी दिखेगा पहली बार
दिखेगा डबल हॉर्न राइनो : डबल हॉर्न राइनो गैंडा जिसका मतलब नाक-सींग वाला है, जिसे आमतौर पर राइनो कहते हैं. बता दें विलुप्त होती प्रजातियों में से दो अफ्रीका व तीन दक्षिणी एशिया के मूल निवासी हैं. वैसे तो यहां राइनो की संख्या नौ हैं. लेकिन, डबल हॉर्न राइनो यहां पहली बार लाया जा रहा है.जू में इस बार वैसे जानवर मंगाये जा रहे हैं, जो पहले से नहीं है. उम्मीद है कि मई या जून तक आ सकते हैैं.
-अमित कुमार, निदेशक
सांप घर के पास ही रहेगा एनाकोंडा : ग्रीन एनाकोंडा सांप घर के पास ही नये केज में रहेगा. बता दें आम एनाकोंडा, कॉमन वाटर बोआ या सुकुरी के नाम से भी जाना जाता है. दक्षिण अमेरिका में पाया जाने वाला एक गैर विषैला बोआ प्रजाति है. यह सबसे भारी व सबसे लंबे समय तक ज्ञात सांप प्रजातियों में से एक है. मुख्य रूप से निशाचर एनाकोंडा प्रजातियां अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा पानी में या उसके आसपास बिताती हैं.
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