पटना : संजय गांधी जैविक उद्यान में जानवरों की संख्या के अनुपात में सांभर और नीलगाय का पुराना इनक्लोजर छोटा पड़ रहा था. इन्हीं बातों को ख्याल में रखते हुए सोमवार को नील गाय और सांभर को नये इनक्लोजर में शिफ्ट किया गया है. बता दें जू परिसर में कैंटीन के पीछे सांभर के नये इनक्लोजर को बनाया गया है, जो केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नयी दिल्ली के दिशा-निर्देश में तैयार किया गया है. नये इनक्लोजर को प्राकृतिक वास का स्वरूप देते हुए अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया गया है, ताकि रह रहे जानवरों को किसी तरह की परेशानी न हो.
सांभर और नीलगाय के लिए बोमा तकनीक से इनक्लोजर को तैयार किया गया है. इसके लिए लगभग 2000 फुट के बोमा का निर्माण किया गया था. जानवरों के लिए बनाये गये इन प्राकृतिक वासों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार चेनलिंक मेश द्वारा किया गया है, जो तीन तरफ से ढका हुआ है. ऐसे में जानवरों को देखने के लिए एक तरफ से मोटा शीशा लगाया गया है, जहां दर्शक प्राकृतिक वास का लुत्फ उठाते हुए देख पायेंगे. पूरी जानकारी देते हुए पटना जू के डायरेक्टर अमित कुमार ने बताया कि दर्शकों के लिए यह रोमांचकारी दृश्य रहेगा. इन इनक्लोजर में जानवरों के गर्मी और ठंड से बचाव के लिए शेड का निर्माण किया गया है.